जानकारी के अनुसार, ग्रहण के दौरान मकड़ियां अपने जाले से बाहर निकल कर उसे तोड़ने में लग जाती है। और जब ग्रहण खत्म हो जाता है तो फिर से वो उसे बनाना शुरू कर देती हैं। कुछ ऐसा ही बदलाव पक्षियों में भी देखने को मिलता है। जहां आमतौर पर वो दिनभर इधर से उधर उड़ते फिरते हैं, लेकिन ग्रहण के दौरान वो अचानक अपने घर की ओर लौट जाते हैं।
किए गए शोध में तो ये भी कहा गया है कि अर्जेंटीना और ब्राजील जैसे देशों में पाई जाने वाली बंदरों की एक प्रजाति, जिसे ‘नाइट मंकी’ (रात का बंदर) कहा जाता है, ग्रहण पड़ने के दौरान वो पेड़ों पर चलने से भी डरते है।
ग्रहण के दौरान चमगादड़ों में भी बदलाव आता है। ग्रहण के दौरान उन्हें भ्रम हो जाता है कि रात हो गई है और वो उड़ना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा सुपर मून के दौरान जब चांद ज्यादा चमकदार होता है तो बत्तखों के व्यवहार में भी बदलाव दिखने लगता है। बत्तख के दिल की धड़कन बढ़ जाती है। साथ ही उनके शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है। हालांकि ग्रहण खत्म होने पर वो अपने आप फिर से ठीक हो जाते हैं।