बैठक में जिला परिषद सदस्य नरसिंह कड़वासरा ने ग्राम पंचायत बेरीवाला तला के एक सम्पन्न परिवार का नाम मनरेगा कार्य पर होने की बात कही। इस दौरान विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि मनरेगा में हर जगह भ्रष्टाचार है। राजनीति के चलते एक ग्राम पंचायत को बदनाम किया जा रहा है।
नरसिंह कड़़वासरा ने भ्रष्टाचार को लेकर विधायक पर भी आरोप लगाए तो विधायक ने पहले तो पूरे जिले में मनरेगा कार्यों की जांच करवाने की बात कही, फिर बोले कि भ्रष्टाचार को लेकर सांसद सोनाराम चौधरी का बाड़मेर स्थित निजी आवास भी संदेह के घेरे में है, उसकी जांच होनी चाहिए।
इस पर दोनों आमने-सामने हो गए। विधायक जैन ने कहा कि उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय ने भी कथित भ्रष्टाचार को लेकर उन्हें क्लीन चिट दे दी है। सांसद ने कहा कि कोर्ट की बात छोडि़ए, अब आगे-आगे देखिए, तुम्हारा क्या होता है। इस दौरान दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर करीब पन्द्रह मिनट तक चला।
अनुपालना रिपोर्ट झूठी, कार्रवाई हो सदन की कार्यवाही शुरू होने पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एमएल नेहरा ने पिछली बैठक की कार्यवाही का पठन कर अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने इसे झूठा बताते हुए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर डाली।
पेयजल की पालना रिपोर्ट का पठन किया गया तो पूरा सदन जलदाय विभाग के खिलाफ बोलने लगा। जिला प्रमुख प्रियंका मेघवाल, उप जिला प्रमुख सोहनलाल चौधरी, जिला परिषद सदस्य रूपसिंह राठौड़, फतेहखां, प्रधान रशीदा बानो, लक्ष्मणराम चौधरी आदि ने कहा कि अधिकारी मौके पर कार्य नहीं करवाते और झूठी पालना रिपोर्ट बना देते हैं।
एेसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जिला प्रमुख ने तो एपीओ तक करने की बात कही। इस दौरान विधायक मेवाराम जैन, हमीरसिंह भायल, तरुणराय कागा, जिला परिषद सदस्य नरसिंह कड़वासरा, विजयलक्ष्मी राजपुरोहित, खेताराम कालमा सहित कई जनप्रतिनिधि जलदाय विभाग की कार्यशैली को लेकर सवाल करने लगे। उन्होंने जर्जर जीएलआर, अंतिम छोर के गांवों में जलापूर्ति नहीं होने, कई दिनों से पेयजल आपूर्ति ठप होने,
अवैध कनेक्शन नहीं काटने सहित विभिन्न मुद्दों पर अधिकारियों को घेरा। करीब साढ़़े तीन घंटे तक सदन सिर्फ पानी और अधिकारियों की लापरवाही पर बहस करता रहा। सांसद ने भी जिले में गंभीर पेयजल स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि जिन लोगों के पास खाने का भोजन नहीं है, वे आठ सौ से हजार रुपए देकर टैंकर डलवा रहे हैं, यह गंभीर विषय है। विधायकों ने भी इसे गंभीर माना।
स्वास्थ्य सेवा चिंता का विषय जिला कलक्टर ने स्वास्थ्य सेवा की जानकारी देते हुए कहा कि जिले की स्थिति बेहद खराब है। हम नीचे से दूसरे पायदान पर हैं। बाल मृत्यु दर प्रति हजार 78 है, जो ङ्क्षचता का विषय है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के साथ जनप्रतिनिधियों से भी जननी सुरक्षा योजना का प्रचार-प्रसार करने की बात कही।
इस दौरान विधायक जैन ने रैफर टू जोधपुर का जिक्र करते हुए कहा कि एक्सीडेंटल केस में यह स्थिति चिंता की बात है। ये मुद्दे भी उठे बैठक के दौरान मनरेगा में रोजगार, अकाल को देखते हुए पशु शिविर व चारा डिपो खोलने, मनरेगा में डिग्गी निर्माण को प्राथमिकता देने, कच्चे कार्यों को स्वीकार कर रोजगार देने, डीएनपी क्षेत्र में विकास,
बालोतरा में अतिक्रमण को लेकर पुलिस व प्रशासन पर भ्रष्टाचार, किसानों को खरीफ ऋण जल्दी देने, मनरेगा ग्रेवल सड़क निर्माण सार्वजनिक निर्माण विभाग से करवाने सहित विभिन्न मुद्दे उठाए गए।