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मात्र 130 रुपये में यहां बिक जाती हैं लड़कियां, एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी की इन तस्वीरों से कांप जाएगी रूह

locationनई दिल्लीPublished: Sep 17, 2018 12:43:35 pm

Submitted by:

Arijita Sen

यहां लगभग एक हजार से ज्यादा की संख्या में महिलाएं आती हैं और एक बार इस अंधेरी दुनिया में पैर रखने के बाद उनकी जिंदगी यहीं कट जाती है।

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मात्र 130 रुपये में यहां बिक जाती है लड़कियां, एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी की इन तस्वीरों से कांप जाएगी रूह

नई दिल्ली। रेड लाइट एरिया का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सेक्स वर्कस की एक छवि उभर उठती है। चमकीले कपड़े और हेवी मेकअप से सजी महिलाएं सड़क के किनारे ग्राहकों के इंतजार में बैठी रहती हैं। इस दृश्य को कभी सामने से या कभी तस्वीरों या सिनेमा के रुपहले पर्दे पर लगभग हम सभी ने देखा होगा।

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कुछ लोग इन्हें दया की दृष्टि से तो कुछ घृणा भरी नजरों से देखते हैं, लेकिन इनकी वास्तविक जिंदगी कितनी दर्दभरी है इसकी कल्पना भी हमारी सोच से परे है। आज हम आपको इन यौनकर्मियों की जिंदगी की ऐसी सच्चाई से रूबरू करवाएंगे जिसके बारे में जानकर आपकी रूह कांप जाएगी।

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हम यहां एशिया की सबसे बड़ी रेड लाइट एरिया सोनागाछी के बारे में बताएंगे जो कोलकाता में स्थित है। कहा जाता है कि पूरे एशिया में देह व्यापार के लिए सबसे ज्यादा लड़कियां सोनागाछी इलाके से ही जाती हैं। इसी वजह से यौनकर्मियों और ग्राहकों की संख्या की दृष्टि से यह एशिया की सबसे बड़ी रेड लाइट एरिया है।

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आंकड़ों की बात करें तो यहां करीब 12 हजार महिलाएं सेक्स वर्कर के तौर पर काम करती हैं। यहां हर उम्र की महिलाएं इस काम में लिप्त हैं। खासकर, इनमें ज्यादातर लड़कियां 18 साल से भी कम उम्र की है।

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एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हर साल यहां लगभग एक हजार से ज्यादा की संख्या में महिलाएं आती हैं और एक बार इस अंधेरी दुनिया में पैर रखने के बाद उनकी जिंदगी यहीं कट जाती है।

आपको बता दें कि कोलकाता का यह इलाका एक स्लम एरिया है। इनकी अंदरूनी गलियों, इनका रहन-सहन, इनकी दिनचर्या को देखकर इस बात का पता आसानी से लगाया जा सकता है कि आर्थिक रुप से ये महिलाएं किस हद तक मजबूर हैं।

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कई बार तो गरीब तबके की लड़कियों को स्कूल से छुड़वाकर इस काम में धकेल दिया जाता है। विरोध करने का यहां कोई सवाल ही नहीं उठता क्योंकि ऐसा करने पर उनसे जोर-जबरदस्ती की जाती है।

कुछ रिर्पोट्स में इस बात का खुलासा किया गया कि यहां 18 साल से कम उम्र की बच्चियों को मात्र 120 रुपये में बेच दिया जाता है। गरीबी का आलम तो यह है कि महज 130 से 200 रुपये के लिए यहां की लड़कियां अपने जिस्म का सौदा करने से नहीं कतराती हैं।

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इस दलदल में पैदा होने वाली बच्चियों की किस्मत में जिंदगी के आने वाले क्षणों में यही काम करना लिखा होता है। आप तस्वीरों से इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि हर रोज इन्हें किन-किन तकलीफों का सामना करना पड़ता है।

 

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जिस्मफरोशी के इस काले धंधे में कोई अपनी मर्जी से नहीं आता। कई बार जबरदस्ती, कई बार धोखे से और कई बार गरीबी इन्हें इस काम में धकेल देती है। समाज में इन्हें सम्मान का दर्जा नहीं दिया जाता है, लेकिन यह किसी का शौक नहीं बल्कि उनकी किस्मत है इसीलिए ये भी उचित सम्मान की हकदार हैं और इन्हें भी इनका हक दिया जाना चाहिए।

 

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