जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा पूरी तरह से एक सीध में होते हैं। तब पृथ्वी चंद्रमा की सतह तक पहुंचने से सूर्य की कुछ रोशनी को रोक लेता है। इससे चंद्रमा के एक हिस्से को अपनी बाहरी छाया के साथ कवर करती है, जिसे पेनुमब्रल के रूप में भी जाना जाता है। इसका प्रभाव आंशिक ग्रहण से भी कम होता है इसलिए इसमें सूतक काल का विशेष महत्व नहीं होता है। इस ग्रहण में चंद्रमा पूर्ण दिखाई देता है
ज्योतिष गणना के अनुसार चंद्र ग्रहण 05 जून रात 11:15 बजे से शुरू होगा जो कि 06 जून 02:34 बजे तक रहेगा। इस बार चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठ नक्षत्र में लग रहा है। इसलिए सभी राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
1.चंद्र ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। क्योंकि सूतककाल के चलते कपाट बंद रखे जाते हैं। 2.ग्रहण के दौरान भोजन न करें। क्योंकि ग्रहों के बदलाव से स्वास्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके अलावा इस दौरान टोने-टोटके बहुत होते हैं इसलिए किसी का दिया हुआ बिल्कुल न खाएं।
1.चंद्र ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते या कुश रख दें। इससे भोजन अपवित्र नहीं होता है।