जानकारी के अनुसार पांच वर्षीय आयुष के परिवार ने अक्टूबर में पहली बार उसके हाथ-पैर में सूजन देखी थी। जांच में किडनी खराब होने की बात सामने आते ही परिवार के सामने अंधेरा छा गया। आयुष के इलाज के लिए उन्हें दिल्ली आना पड़ा। यहां पर डॉक्टरों ने जांच की और किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी। आयुष के पिता एक वेटर हैं और परिवार में इकलौते कमाने वाले हैं। दिल्ली आने के लिए उन्हें नौकरी भी छोड़नी पड़ी। ऐसे में इलाज का खर्च वहन करना परिवार के लिए असंभव था।
ऐसे में मुंबई के एक व्यक्ति ने आयुष की मदद की गुहार लगाई। जिसमें एक निजी संस्था ने उसकी मदद का बीड़ा उठाया और फिर देखते ही देखते 15 घंटे से भी कम समय में 1475 दानदाताओं ने 21 लाख रुपये की मदद दे दी। बता दें कि क्राउडफंडिंग वर्तमान समय में लोगों की मदद का एक बेहतरीन माध्यम बनकर सामने आया है। इस माध्यम से पहले भी कई मजबूर लोगों की सहायता हो चुकी है, जिनके पास इलाज के लिए पर्याप्त पैसा नही था। समाज में ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो दूसरों की मदद करना चाहते हैं। लेकिन ऐसा करने के लिए अक्सर उन्हें किसी एनजीओ या संस्था की तलाश करनी पड़ती है। क्राउडफंडिंग ने इस पूरी प्रक्रिया को आसान बना दिया है। यहां लोग ऑनलाइन रहकर आसानी से जरूरतमंद लोगों की मदद कर पाते हैं।