बीते रविवार को गुरदासपुर के रहने वाले कमल मनजिंदर सिंह वापस अपने घर लौट आए। कमल ने बताया कि साल 2017 के सितंबर महीने में वे एक एजेंट के ज़रिए ट्रॉला चलाने की जॉब के सिलसिले में सऊदी गए थे। उन्होंने सऊदी में जॉब के लिए एजेंट को दो लाख रुपये भी दिए थे। लेकिन कमल ने जितने सपने संजोए थे, वे सभी बर्बाद हो गए। सऊदी जाने के बाद अबु तालिब कंपनी के मालिक ने उन्हें किसी भी तरह का काम नहीं दिया। ऐसी स्थिति में कमल के सामने दो वक्त की रोटी का भी संकट आ खड़ा हुआ। जब कमल ने कंपनी के मालिक से वेतन के पैसे मांगे तो मालिक ने कमल को चोरी के आरोप में फंसा दिया। कमल को जेल में डाल दिया गया।
जेल में कमल को जानवरों की तरह रखा गया, कई रात उन्होंने अन्न के एक दाने के बगैर ही रात काटी। भारत लौटने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कमल ने कहा कि अरब देशों में जॉब करने का सपना देखने वाले लोग किसी वैध एजेंट के ज़रिए ही वहां जाएं। कमल ने कहा कि जो गलती मैंने की, वो कोई और न करे। दुखों के बारे में बताते हुए कमल ने कहा कि उनके लाखों रुपये नुकसान हुए, जेल जाना पड़ा और साथ ही तरह-तरह के अत्याचारों को भी झेलना पड़ा।
कमल ने बताया की सऊदी की जेल में ऐसे न जाने कितने मासूम भारतीय बंद पड़े हैं, जिनके साथ अत्याचारों की सीमाओं को लांघा जा रहा है। कमल ने बताया कि सऊदी में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। यहां रहने वाले लोगों ने पुलिस के साथ ऐसी सांठ-गांठ बना रखी है, जिससे वे देश में जमकर गैर-कानूनी कामों को अंजाम दे रहे हैं।