एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक डॉग के बच्चे को जब फैमिली ने घर लाया तो देखा कि, डॉग को बहुत भूख लगती है। वह रोज करीब 2 बाल्टी पास्ता और 1 पेटी फल खा जाता था। फैमिली को ये बात तो पता थी कि, डॉग को भूख लगती होगी, लेकिन उन्होंने इतना खाने वाला डॉग कभी नहीं देखा था। इसके बाद सू युन के परिवार ने देखा कि, डॉग बहुत अजीब तरीके से चिल्लाता है। उन्होंने डॉग से इस तरह की आवाज कभी नहीं सुनी थी। फैमिली ने बताया कि, उस डॉग की आवाज सुनकर कभी ऐसा नहीं लगा जैसे वो भौंक रहा हो। बल्कि डॉग की आवाज से लगता था, जैसे वो किसी चीख रहा हो।डॉग के ऐसे अजीब व्यवहार देखकर परिवार वाले भी थोड़े डर गए थे, लेकिन सू युन और उनकी फैमिली जानती थी कि डॉग स्पेशल है, इसलिए उन्होंने उसको खूब प्यार किया और उसकी देखभाल में भी कोई कमी नहीं की।
डॉग करता था अजीब हरकत एक दिन परिवार वालों ने देखा कि,डॉग अपने आप खड़ा हो गया। चूंकि किसी ने भी उसे खड़ा होना नहीं सिखाया था, इसलिए इसे देखकर सब आश्चर्य करने लगे। इसे देखकर परिवार वालों ने सोचा कि या तो इसने खुद सीख लिया होगा। या फिर उसकी नस्ल कि, ये खूबी होगी।
परिवार ने उस डॉग का नाम प्यारा ब्लैकी’ रखा था। वह जमकर खाना खाता था, इसलिए वह बहुत तेजी से बड़ा हो गया। 2 साल की उम्र में ही डॉग 1 मीटर ऊंचा हो गया और वजन 110 किलो बढ़ गया। पिल्ले की ऊंचाई और वजन बढ़ता देख सू युन हैरत मे पड़ गए। उनके दिमाग में ये सवाल आने लगा कि, कोई डॉग इतनी तेजी से कैसे बड़ा होगा?
डॉग में दिखी चिंतित करने वाली बात न सिर्फ वजन और ऊंचाई बल्कि उसके दांत भी लगातार बड़े हो रहे थे। कुछ दिनों बाद वो जानवर नहीं, बल्कि किसी शिकारी जानवर की तरह दिखने लगा। इन सभी चीजों को देखकर परिवार काफी चिंतित हो गया। उनके दिमाग में ये आने लगा कि, एक डॉग पालने की कीमत कहीं जान गंवाकर तो नहीं चुकानी पड़ेगी।
परिवार ने समय रहते बड़ा कदम उठाया अब डॉग के मालिक यानी सू युन जानवरों के डॉक्टर के पास पहुंचे। डॉक्टर देखते ही समझ गया कि, ये डॉग नहीं बल्कि कोई और ही जानवर है। डॉक्टर ने बिना देरी किए यिलियांग काउंटी पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो वालों को बुलाया। इसके बाद इस ब्यूरो को फैमिली ने बताया कि, ये दो बाल्टी पास्ता और एक फलों की पेटी बड़े आराम से खा लेता है। साथ ही परिवार ने उस जानवर के दांत भी दिखाए और बताया कि ये ज्यादातर दो पैरों में खड़ा होता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि वो डॉग नहीं बल्कि खतरनाक काला एशियाई भालू था, यिलियांग काउंटी पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के अधिकारी आए और इस भालू को अपने साथ ले गए। IUCN के अनुसार इस जानवर के कई नाम हैं। इसे लोग कॉलर बेयर, मून बेयर या तिब्बती भालू भी कहा जाता है। IUCN ने इसे लुप्तप्राय प्राणी की श्रेणी में रखा है। इस भालू के अधिक शिकार होने की वजह से इसकी संख्या अब काफी कम हो चुकी है।