बिना ABS वाली बाइक्स में होती हैं ये दिक्कत, आज जान लें इसकी खासियत आपको बता दें कि जब मंदिर से ये मूर्ति चोरी हुई थी तब मेलोर मंदिर में दो पुजारी हुआ करते थे। दरअसल करप्पास्वामी का इस मंदिर के दूसरे पुजारी से विवाद हो गया था, और इस पुजारी को सबक सिखाने के लिए उन्होंने मंदिर में रखी मूर्ति चुरा ली थी। इस चोरी की घटना की शिकायत 1915 में ब्रिटिश पुलिस के पास दर्ज कराई गई थी। हालांकि यह मूर्ति तब किसी को भी नहीं मिल सकी थी लेकिन अब एक सदी बीत जाने के बाद करप्पास्वामी के पोते ने इस मूर्ति को वापस लौटा दिया है और इसके पीछे एक बड़ी वजह है।
दरअसल करपप्पास्वामी के पोते मुरुगसेन का कहना है कि मूर्ति की वजह से उसके परिवार पर लगातार संकट आ रहा है। उसके परिवार के कई सारे लोगों की असमय मौत भी हो चुकी है साथ ही कई लोग बीमार पड़ रहे हैं जिसके बाद मुरुगसेन को लगा कि अब उसे चोरी की यह मूर्ति लौटा देनी चाहिए। मुरुगसेन को लगता है कि उसके परिवार के ऊपर संकट के जो बादल मंडरा रहे हैं उसके पीछे इसी मूर्ति का हाथ है और यही वजह है कि मुरुगसेन ने मूर्ति लौटा दी है।
VIDEO: महिला ने शॉर्ट ड्रेस पहनने वाली लड़कियों पर किया कमेंट, बोली- ‘इनका रेप किया जाना चाहिए’ जानकारी के मुताबिक़ मुरुगसेन की उम्र अब 60 साल हो चुकी है। मुरुगसेन ने बताया कि बचपन में उसने दादा को दीवार की तरफ मुंह करके पूजा करते देखा था। इसपर उसे शक हुआ और उसने इस बात की जानकारी मंदिर प्रशासन को दी। मंदिर प्रशासन ने जब ये दीवार तोड़ी तब उन्हें 1.5 फीट लंबी दुर्लभ मूर्ति मिली। यह मूर्ति तकरीबन 700 साल पुरानी है।