होती है बहुत कम आमदनी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कई सालों से मोहन लाल लोहे की अलमारियां बनाने का काम करते आ रहे हैं। पहले तो उन्हें उनको इस काम के अच्छे पैसे मिलते थे। लेकिन बदलते समय के साथ इन आलमारियों की जगह दूसरे नए सामानों ने ले ली। ऐसे में कड़ी मेहनत के बावजूद मोहन लाल महज 10 से 12 हजार रुपये ही जुटा पाते हैं। हालांकि इतना पैसा जीतने के बाद भी मोहन लाल आज भी यही काम करते हैं क्योंकि लॉटरी में जीते पैसे अभी तक उनके हाथ नहीं आए हैं।
मोहन लाल के पास नहीं था पैन कार्ड
कहने को तो मोहन लाल 14 नवंबर को ही करोड़पति बन गए थे लेकिन उनके पास पैन कार्ड नहीं था ऐसे में आज तक उनको पैसा नहीं मिल सका है। हालांकि अब उन्होंने पैन कार्ड बनवाकर भी जमा कर दिया है। मोहनलाल का मानना है कि जिस तरह से भगवान ने 1.5 करोड़ का इनाम जितवाया है वैसे ही यह रकम भी हाथ में आ ही जाएगी। बता दें कि लॉटरी के नियम के अनुसार जीतने वाले को 90 दिनों के अंदर यह राशि मिल जानी थी लेकिन फिलहाल इस समय को आगे बढ़ाया गया है।
इन पैसों से सवारेंगे बच्चों का भविष्य
मोहन लाल और पत्नी सुनीता देवी की दो बेटियां हैं, जिनमें से एक 11 साल की, तो दूसरी 5 साल की है। वो इन पैसों से अपने बच्चों का भविष्य सवारेंगे साथ ही एक नया घर भी बनाएंगे। इसके अलावा एक छोटा सा कारोबार भी शुरू करेंगे।