मंगल को लाल ग्रह कहते हैं क्योंकि मंगल की मिट्टी के लौह खनिज में ज़ंग लगने की वजह से वातावरण और मिट्टी लाल दिखती है। मंगल के दो चंद्रमा हैं। इनके नाम फोबोस और डेमोस हैं। फोबोस डेमोस से थोड़ा बड़ा है। फोबोस मंगल की सतह से सिर्फ 6 हजार किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करता है। फोबोस धीरे-धीरे मंगल की ओर झुक रहा है, हर सौ साल में ये मंगल की ओर 1.8 मीटर झुक जाता है। अनुमान है कि 5 करोड़ साल में फोबोस या तो मंगल से टकरा जाएगा या फिर टूट जाएगा और मंगल के चारों ओर एक रिंग बना लेगा। फोबोस पर गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण का एक हजारवां हिस्सा है। इसे कुछ यूं समझा जाए कि धरती पर अगर किसी व्यक्ति का वजन 68 किलोग्राम है तो उसका वजन फोबोस पर सिर्फ 68 ग्राम होगा। साल 2003 बाद अब होने वाले इस संयोग पर पूरी रहेगी।
दशकों से दुनियाभर के वैज्ञानिक और अंतरिक्षयात्री मंगल ग्रह पर जाने की योजना पर काम कर रहे हैं। संयोग से यह साल यानी 2018 इस योजना को धरातल पर लाने का अच्छा समय है। इस साल जुलाई में पृथ्वी और मंगल ग्रह 15 वर्षों में सबसे करीब आएंगे। ऐसे में इंसान को मंगल तक पहुंचने में महज 200 दिन लगेंगे।