दरअसल, अब ये साफ हो गया है कि कोर्ट द्वारा तय समय पर ही चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी। ऐसे में तिहाड़ प्रशासन फांसी की तैयारियों में लगा हुआ है। वहीं सूत्र बताते हैं कि इसी बीच जब जेल अधिकारी दोषियों के गले का नामप लेने पहुंचे तो चारों दहल गए और बुरी तरह रोने-चिल्लाने लगे। शायद वो भाप गए कि अब उन्हें फांसी होने वाली है। चारों ने रोते-रोते जेल अधिकारियों से मिन्नतें भी कीं कि उन्हें छोड़ दिया जाए, लेकिन ऐसा हो नहीं सकता। वहीं चारों का हाल इतना बुरा था कि उन्हें शांत कराने के लिए काउंसलर की मदद लेनी पड़ी क्योंकि कहीं वो कोई गलत कदम न उठा लें।
वहीं अगर नजर चारों दोषियों पर दौड़ाएं तो पवन गुप्ता एक फल विक्रेता था। पवन अपने काम के साथ ग्रेजुएशन की तैयारी भी कर रहा था। पवन गुप्ता ने भी विनय शर्मा के साथ संगीत कार्यक्रम में होने की बात कही थी। वहीं विनय शर्मा ने ही गैंगरेप के दौरान बस चलाई थी और वो पेशे से एक फिटनेस ट्रेनर था। बात अक्षय कुमार सिंह की करें तो वो बिहार का रहने वाला है और अपनी पढ़ाई छोड़कर दिल्ली भागकर आ गया था। वहीं मुकेश सिंह बस की सफाई काम करने का काम करता था। ये ही बर्बरता का मुख्य आरोपी है।