प्रलय में मां-बाप से बिछड़ गई थी चंचल लड़की के दादा ने बताया हरीश चंद्र ने बताया कि चंचल अपने माता—पिता के साथ केदारनाथ यात्रा पर गई थी। इसी दौरान प्रलय में वह दोनों से बिछड़ गई। पिता का अब तक कुछ पता नहीं चल सकता, जबकि मां कुछ समय बाद वापस लौट आई थी।
5 साल बाद ऐसे पहुंची अपने घर चाइडलाइन एनजीओ चलाने वाले ज्ञानेंद्र मिश्रा की वजह से बच्ची आज अपने घर पर पहुंच पाई है। ज्ञानेंद्र ने बताया कि चंचल तब 12 साल की थी। कुछ लोगों ने उसे जन्मू के एक अनाथालय में छोड़ दिया था। यहां वह अलीगढ़ के बारे में कुछ बताने की कोशिश किया करती थी। इसके बाद उन्होंने अलीगढ़ के विधायक संजीव राजा से संपर्क किया। फिर पुलिस की मदद से उसके पहचान की जा सकी। उन्होंने बताया कि चंचल अभी भी अपने पिता राजेश को याद करती रहती है।