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मदर्स डे पर शहीद हो गया मां का इकलौता बेटा, मां को नहीं दी गई खबर क्योंकि वह सुनकर…

Published: May 13, 2018 04:59:27 pm

Submitted by:

Sunil Chaurasia

ज़रा उस मां के बारे में सोचिए, जो मदर्स डे के दिन अपने बेटे को खो दे। और वो भी उस वक्त में जब वह अपने इकलौते बेटे की शादी के लिए रिश्ता ढूंढ रही हो।

mandeep
नई दिल्ली। ज़रा उस मां के बारे में सोचिए, जो मदर्स डे के दिन अपने बेटे को खो दे। और वो भी उस वक्त में जब वह अपने इकलौते बेटे की शादी के लिए रिश्ता ढूंढ रही हो। जी हां, इन 2 वाक्यों को सुनने में जितना दर्द है, उससे भी ज़्यादा दर्द उस मां के सीने में है जिसका इकलौता बेटा देश की रक्षा करते-करते शहीद हो गया। आपको जानकर हैरानी होगी कि शहीद मनदीप कुमार (29) की मां को बेटे की शहादत के बारे में खबर नहीं दी गई है। शहीद के घर वालों को डर है कि बेटे की शहादत की खबर सुनकर वह स्थिती को संभाल नहीं पाएगी।
29 साल के शहीद जवान की शादी के लिए उनकी मां कुंती देवी दो दिन बाद ही अपने लिए बहू देखने के लिए जाने वाली थी। मनदीप के पिता नानकचंद मजदूरी करते हैं। शहीद के पिता ने बताया कि मनदीप शादी की तैयारी में ही अपना घर भी बनवा रहे थे। 2 मई को ही एक हफ्ते की छुट्टी से लौटते समय शहीद ने पिता से कहा था कि वह अगली छुट्टी के बाद शादी करेगा। जिसकी वजह से मनदीप की मां लड़की देखने के लिए जाने वाली थी। नानक चंद ने बताया कि उनका बेटा चाहता था कि जल्द से जल्द उनका नया घर बन जाए, ताकि वह अपने पूरे परिवार के साथ वहां शिफ्ट हो जाए। लेकिन कुछ भी होता, उससे पहले ही एक परिवार का इकलौता चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बुझ गया।
बता दें कि बेटे की शहादत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। लेकिन मनदीप की मां को फिलहाल इतना ही बताया गया कि उनके बेटे के पैर में गोली लगी है। जबकि आतंकियों से लोहा लेते हुए गोली मनदीप की छाती में जा घुसी थी। जिसके बाद मनदीप शहीद हो गए थे। बताते चलें कि मनदीप करीब 6 साल पहले पैरामिलिट्री फोर्स सीआरपीएफ में शामिल हुए थे। मनदीप जिस बटालियन के सदस्य थे, उसे पिछले ही साल छत्तीसगढ़ से कश्मीर के पुलवामा में शिफ्ट कर दिया गया था।
मनदीप मूल रूप से पंजाब के गुरदासपुर के एक छोटे से गांव खुदादपुरा के रहने वाले थे। शहादत के समय उनकी ड्यूटी पुलवामा सेक्टर के चिनारबाग में हुई थी। शनिवार को वे वहां अपनी टीम के साथ आंतकियों की तलाश पर निकले हुए थे। जहां आतंकियों के साथ हुए एनकाउंटर में वे शहीद हो गए।
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