लेकिन कुछ ही पल में मां को लगा कि उनकी बेटी काफी मुसीबत में है, क्योंकि उसकी आंखें ऊपर की ओर चढ़ गई थी। इसके साथ ही एमेलिया सांस भी नहीं ले पा रही थी। बेटी की ऐसी हालत देखकर मां ने बहादुरी से काम लिया और वहां मौजूद एक नर्स के साथ बेटी तो फर्स्ट एड देने लगी। मां ने बेटी को उठाने के लिए ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ लगाई। पूरा मामला 13 सितंबर 2017 का इंग्लैंड के लॉफबोरॉ का है। एमिलिया यहां के Swithland St Leonard’s CofE School में पढ़ती है।
नेलर ने बताया कि उन्होंने एमेलिया की पीठ और गालों को देखा, वह वाकई में सांस नहीं ले पा रही थी। जिसके बाद उन्होंने एंबुलेंस को बुलाने के लिए आवाज़ लगाई। ऐसे में वक्त की अहमियत को देखते हुए मां ने बेटी को मुंह से सांस देने की कोशिश की, लेकिन फिर भी एमेलिया किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी। बेटी की बिगड़ती हालत को देखते हुए मां ने करीब 20 मिनट तक लगातार सीपीआर दिया। नेलर के साथ मौजूद नर्स ने देखा कि एमेलिया कार्डिएक की गिरफ्त में है। कार्डिएक की गिरफ्त में होने की वजह से एमेलिया का दिल भी काम नहीं कर रहा था।
ऐसी स्थिती में आपातकालीन इलाज या फिर सीपीआर बेहद ज़रूरी होता है, नहीं तो कार्डिएक अरेस्ट की वजह से इंसान की जान भी जा सकती है। एंबुलेंस के आते ही एमेलिया को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने बताया कि एमेलिया की कोरोनरी धमनी अपनी जगह से अलग हो गई थी। जिसके बाद डॉक्टरों ने एमेलिया का तुरंत इलाज किया। डॉक्टरों ने बताया कि एमेलिया को दिए गए सीपीआर की वजह से ही उसे बचा पाना संभव हुआ। यदि नेलर अपनी बेटी को उसी वक्त सीपीआर नहीं देती तो उसकी मौत हो सकती थी।