ट्रेन में भीख मांगी,श्मशान घाट से चिता की खाई खाई रोटी
सिंधुताई ने 10 साल की उम्र में 20 साल के व्यक्ति से शादी की। शादी के कुछ महीनों बाद वह गर्भवती हो गई। लेकिन नौ महीने की गर्भवती को मरने के लिए छोड़ दिया। पति ने नौवें महीने पेट में लात मारी, बेहोशी की हालत में गायों के बीच एक बेटी को जन्म दिया। बेघर होने के बाद अपना पेट भरने के लिए ट्रेन में भीख मांगी। इतना ही नहीं कभी रोटी खाती और कभी श्मशान घाट से चिता की रोटी खाती।
हाथ से काटी बेटी की नाल
कच्ची उम्र में ही उनकी शादी कर दी गई। 10 साल की उम्र में वो 30 साल के आदमी की घरवाली थीं। उनके पति ने उन्हें दुख देने में कोई कसर नहीं छोड़ी और हालात इतने बुरे हो गए कि उन्हें गौशाला में अपनी बच्ची को जन्म देना पड़ा। वो बताती हैं कि उन्होंने अपने हाथ से अपनी नाल काटी। इन सब बातों ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया। उन्होंने आत्महत्या करने की भी बात भी सोची।
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1500 से अधिक अनाथ बच्चों की मां
एक महिला सशक्तीकरण पर आयोजित ‘शक्ति’ कार्यक्रम में पूना की 70 वर्षीय सिंधुताई ने कहा, मुझे पढ़ाई का बहुत शौक था लेकिन मेरी मां ने मुझे पढ़ाई करने की अनुमति नहीं दी। बचपन में ही शादी हो गई। गर्भवती हालत में पति ने घर से निकाल दिया। उन्होंने कई कठिनाइयों को सहन किया और फिर अनाथ बच्चों की सेवा करने का फैसला किया। वर्तमान में मैं 1500 से अधिक अनाथ बच्चों की मां हूं। आपको यह जानकर हैरान कि जिनमें से कुछ डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर और वकील बन गए हैं।