फिल्म के मुताबिक, उन्हें ये शॉट उनके दोस्त संतोष लाल ने सिखाया था। जिनकी मौत 2013 में हो गई थी। संतोष इस शॉट को थप्पड़ शॉट कहा करते थे। धोनी ने जब एक बार अपने दोस्त को ये शॉट मारते देखा तो उन्होंने अपने दोस्त से गुज़ारिश की कि वो उन्हें ये शॉट सिखाएं। धोनी ने संतोष से ये शॉट कुछ समोसों के बदले सीखा था। जब धोनी का चयन इंडिया टीम में हुआ तब भी उन्होंने अपने दोस्तों का साथ नहीं छोड़ा। हर सुख-दुख में धोनी उनके साथ खड़े रहे। इस बात का सबूत ये है कि जब धोनी के दोस्त संतोष लाल एक बीमारी से जूझ रहे थे। तब धोनी ने हर संभव कोशिश की अपने दोस्त को बचाने के लिए। बताया जाता है कि संतोष एक्यूट पैंक्रियाटिटीज से ग्रसित थे।
एक बार जब धोनी टीम इंडिया के साथ विदेशी दौरे पर थे तब उन्हें पता चला कि संतोष को तत्काल मेडिकल केयर की ज़रुरत थी। तभी धोनी ने तत्काल प्रभाव से एयर एंबुलेंस की व्यवस्था रांची से दिल्ली के लिए की ताकि संतोष का अच्छी तरह से इलाज हो सके। लेकिन होनी को कुछ और ही मंज़ूर था। मौसम खराब होने की वजह से हेलीकॉप्टर बनारस में ही उतारना पड़ा। दुर्भाग्य से संतोष को बचाया न जा सका। धोनी और संतोष बचपन से ही पक्के दोस्त रहे हैं। दोनों ने टेनिस बॉल से क्रिकेट खेली और दोनों झारखंड में कई टूर्नामेंट खेलने साथ-साथ गए।