दरअसल, बीरभूम जिले में दो साल पहले सड़क बनाने के लिए एक काली मंदिर को तोड़ दिया गया था। इसके बाद इलाके के मुसलमानों ने चंदा इकट्ठा किया और इस काल मंदिर को फिर से बनवाया। स्थानीय निवासी निखिल भट्टचार्च के मुताबिक, दो साल पहले स्थानी पंचायत ने सड़कों को चौड़ा करने का फैसला किया, जिसकी लंबे समय से लोग भी मांग कर रहे थे। ऐसे में मंदिर को तोड़ा गया। ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दूसरी जगह पर मंदिर के लिए जमीन खरीदी और वहां मंदिर बनवाया।
रिपोर्ट के मुताबिक, दीवाली वाले दिन इलाके के मौलवी ने मंदिर का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैंने काफी मस्जिदों और मदरसों का उद्घाटन किया है, लेकिन मंदिर का उद्घाटन करना मेरे लिए सुखद है। साल 2011 की जनगणना के हिसा से बासपारा के ननूर ब्लॉक की कुल आबादी का 35 फीसदी हिस्सा मुस्लिम है। मंदिर बनाने के लिए क्राउड फंडिंग से 7 लाख रुपये इकट्ठा किया गया, लेकिन मंदिर को बनाने में कुल 10 लाख रुपये खर्च आया।