प्रतियोगिता में दुनिया के 13 देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। इसमें दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन कर चुके नीलकंठ भी शामिल हुए थे। उसने स्कॉट फ्लेंसबर्ग और शकुंतला देवी के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। अब उनके नाम सबसे तेज कैलकुलेशन करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। नीलकंठ के दिमाग की इतनी तेज धार को देख प्रतियोगिता के जज भी हैरान हैं। वह सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मैथ्स में जीनियस बनाना चाहते हैं। उनके लिए उनकी दुनिया मैथमैटिक्स ही है।
लॉकडाउन में नीलकंठ 8वीं से 12 क्लास के बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं। मौजूदा समय में करीब एक लाख छात्र उनकी क्लासेज का हिस्सा हैं। नीलकंठ एक गणित लैब बनाना चाहते हैं, जिसके जरिए वो हजारों बच्चों तक आसानी से अपनी पहुंच बना सकें। वह इन दिनों Exploring Infinities नाम के प्रोजक्ट पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी देश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 4 में से 3 बच्चों को मैथ समझने में मुश्किल होती है। मगर वह ऐसी आसान तकनीक उन्हें बताएंगे जिससे ये समस्या दूर हो जाएगी।