दिखा चमकदार नारंगी चक्राकार टेलीस्कोप के जरिये ली गई तस्वीर में शोधकर्ताओं ने एक ऐसी चमकदार नारंगी चक्राकार जगह को देखा है, जहां नए ग्रह के बनने की संभावना जताई जा रही है। इस अवलोकन पर एस्ट्रॉनमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, किसी ग्रह के वजूद में आने का ये पहला स्पष्ट प्रमाण हो सकता है।
बह्रमांडीय नजारा देखने को मिला इस रिसर्च टीम की अगुवाई पेरिस की पीएसएल यूनिवर्सिटी के खगोलविद एंथनी बोकालेटी ने की है। ये टीम ब्रह्मांड की इस उदीयमान दुनिया को बेहद करीब से देखना चाहती थी, जिसमें अभी तक का सबसे शानदार बह्रमांडीय नजारा देखने को मिला है।
चारों तरफ बना रहा है गैस का चक्र खगोलविदों ने बताया कि ये नवजात ग्रह ऑरिगा तारामंडल में मौजूद एबी ऑरिगी (AB Aurigae) नाम के युवा तारे के चारों ओर धूल और गैस का चक्र बना रहा है, जो कि पृथ्वी से करीब 520 प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिक जानते हैं कि ग्रह का जन्म तब होता है, जब तारों के इर्दगिर्द मौजूद ठंडी गैस और धूल करोड़ों वर्ष तक एक दूसरे से टकराते हैं, जिसके बाद वहां धूल वाला चक्र याडिस्क बन जाता है।
मिला सबसे अहम डाटा साफ है कि अब इन नए अवलोकन से वैज्ञानिकों को एक ग्रह के बनने की पूरी प्रक्रिया को समझने का अहम डेटा मिला है। अंतरिक्ष में बनती नई दुनिया के पिंड गैस ***** में लहरों जैसी तरंगें पैदा करते हैं, जो बाद में ग्रह के अपने तारे की परिक्रमा करने के दौरान सिकुड़कर चक्कर में बदल जाते हैं। चक्कर बनाने के साथ ही, नवजात ग्रह अपने बढ़ते शरीर में गैस को भी इकट्ठा करता है।
ग्रह गैस इकट्ठा कर बनता है विशाल खोल खगोलविद एंथनी बोकालेटी के मुताबिक, इस तरह से ग्रह गैस को बढ़ाते हैं और इकट्ठा करते हैं और इससे एक विशाल खोल बन जाता है जैसा कि हम सौरमंडल में मौजूद जुपिटर और सैटर्न ग्रहों में देखते हैं। गैस का वातावरण बनाने के लिए किसी जगह से गैस लाकर ग्रह पर डालने की जरूरत होती है।