तेजस ठाकरे ने इस प्रजाति के सांप को पहली बार 2015 में देखा था और इसके व्यवहार का विस्तारपूर्वक अध्ययन किया। उन्होंने यह ब्योरा जैव विविधता संरक्षण फाउंडेशन को सौंपा और आगे के शोध में मदद की। इसलिए इसका नाम ‘ठाकरेज कैट स्रेक’ (वैज्ञानिक नाम बोइगा ठाकरेयी) रखा गया है। तेजस के बड़े भाई आदित्य ठाकरे ने सांप की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा- ‘मेरे भाई तेजस ने सांप की इस खूबसूरत प्रजाति की पश्चिमी घाट में खोज की है।
बताया जता है कि सांप की यह प्रजाति वानपस्तिक है यानी इनका संबंध ज्यादातर पेड़ों पौधों से ज्यादा होता है। यह सांप ज्यादातर रात में ही सक्रिय होते हैं। यह लंबाई कम से कम तीन फीट तक होती हैं और सबसे खास बात कि यह विषैले नहीं होते हैं।