Nirbhaya Case Accused : एक हिंदू संगठन ने मानवीयता को आधार बनाकर तिहाड़ जेल प्रशासन से किया निवेदन
धार्मिक मान्यता के अनुसार पुराण सुनने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है
Nirbhaya Case Accused
नई दिल्ली। निर्भया कांड (Nirbhaya Case) के चार दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी। अरसे से टल रहे इंसाफ की मांग अपराधियों के दम तोड़ने के साथ ही पूरी होगी। मगर अपराधियों को मरते समय तकलीफ न हो इसके लिए उन्हें गरुड़ पुराण (Garun Puran) सुनाए जाने की मांग की गई है। इस सिलसिले में एक हिंदू संगठन आगे आया है।
शादी के बाद मोना सिंह ने मनाई पहली लोहड़ी, पीले सूट और मांग में सिंदूर लगाकर दिखीं खूबसूरत संगठन (organization) कर्मियों के अनुसार हिन्दू धार्मिक मान्यता है कि मृत्यु से पूर्व गरुड़ पुराण सुनना लाभकारी होता है। इससे व्यक्ति मृत्यु के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार कर पाता है। इससे मौत की तकलीफ कम होती है। निर्भया के दोषियों को गरुड़ पुराण सुनाए जाने के लिए संगठन की ओर से तिहाड़ जेल (Tihar Jail) प्रशासन अधिकारी से निवेदन किया गया है। उनकी मांग है कि मानवीय आधार पर फांसी दिए जाने से पूर्व उन्हें गरुड़ पुराण सुनाये जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
मालूम हो कि 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया गया था। 29 दिसंबर को पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस कांड से देशवासियों में काफी आक्रोश था। बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए निर्भया की मां आगे आईं। इसमें बाकी लोगों ने भी साथ दिया। लंबे अरसे से इंसाफ की राह देख रहे परिजनों को आखिरकार 10 जनवरी 2020 को उस वक्त राहत मिली जब अदालत ने डेथ वारंट जारी किया।