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जानें इसके पहले Mumbai में क्यों नहीं आया था कोई तूफान, क्या है Nisarga के आने की वजह?

Published: Jun 03, 2020 10:38:19 pm

Submitted by:

Vivhav Shukla

निसर्ग तूफान (Cyclone Nisarga) के मुंबई (Mumbai ) के तट से टकराने की सबसे बड़ी वजह पर्यावरण परिवर्तन (Climate Change) है। साल 2017 में चक्रवाती तूफान ‘ओखी’ आया था लेकिन तब इसका महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में कोई असर नहीं पड़ा था। साल 2009 में आया चक्रवाती तूफान फ्यान (Phyan) भी राज्य तक आते-आते कमजोर हो गया था
 

Nisarga, an exception: Why Mumbai does not get cyclones

Nisarga, an exception: Why Mumbai does not get cyclones

नई दिल्ला। Cyclone ‘निसर्ग’ महाराष्ट्र पहुंच चुका है। इस तूफान ने तबाही मचानी शुरू भी कर दी है। हवाओं की रफ्तार इस दौरान 60-70 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जा रही है। चक्रवाती तूफान निसर्ग अब रायगढ़ और पुणे से गुजर रहा है। दोपहर 12.30 बजे यह अलीबाग के तट से टकराया था। तब हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा थी।

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तूफान के असर से पूरे मुंबई शहर में तेज बारिश हो रही है। कई जगहों पर पेड़ उखड़े और मकानों की छतें उड़ गईं। हालांकि ये तूफान समय के साथ कमजोर पड़ गया जिसके चलते उतना नुकसान नहीं हुआ, जिसकी आशंका जाहिर की कई थी।

क्यों आया मुम्बई में तूफान?

मुंबई में आमतौर पर ऐसे चक्रवाती तूफान नहीं आते हैं। ऐसे में ‘निसर्ग’ का मुंबई के तट से टकराना एक अपवाद की तरह देखा जा रहा है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि समुन्दर् के इतना करीब होने के बाद भी मुंबई में भंयकर चक्रवाती तूफान क्‍यों नहीं आते हैं?

दरअसल, मायानगरी में चक्रवाती तूफान ना आने की वजह शहर की दिशा है। मुंबई को चक्रवाती तूफानों से एक और ढाल बचाती है, जिसे मौसम विज्ञानी उपोष्‍ण कटिबंध (Subtropical Ridge) कहते हैं। उपोष्‍ण कटिबंध उच्‍च दबाव वाली हवा की बड़ी बेल्‍ट होती है। इनमें धीमी रफ्तार वाली ठंडी हवाएं होती हैं।

वहीं, निसर्ग जैसे उष्‍णकटिबंधीय तूफान ठंडी हवाओं में बहुत कमजोर पड़ जाते हैं। मुंबई समेत पश्चिमी तटीय इलाकों में प्री-मानसून सीजन में ये उपोष्‍ण कटिबंध बन जाता है। इससे मुंबई समेत पश्चिम तटीयस इलाकों में चक्रवाती तूफान आने की आशंका खत्‍म हो जाती है।

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IMD के मुताबिक अरब सागर में उठने वाले ज्‍यादा चक्रवाती तूफान की दिशा पश्चिम-उत्‍तर-पश्चिम होती है। ये तूफान अरब सागर के तटीय इलाकों से मई में टकराते हैं। इसके बाद जून में उत्‍तर दिशा में बढ़ते हुए गुजरात के तटीय इलाकों की ओर बढ़ जाते हैं।

अरब सागर में उठने वाले चक्रवात गुजरात (Gujarat) में सौराष्‍ट्र और कच्‍छ से टकरा सकते हैं.।ऐसे में कहा जा सकता है कि मुंबई अरब सागर के तूफानों के टकराने की प्राकृतिक जगह नहीं है। साथ ही स्‍टीयरिंग विंड्स (Steering Winds) के कारण भी मुंबई में तूफान नहीं आते हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्‍टीयरिंग विंड्स (Steering Winds) तूफान की ऊपरी परत बनाती हैं और उसे अपने बहने की दिशा में मोड़ देती हैं। साइक्‍लोन समुद्र तट के नजदीक नहीं बनते हैं। ऐसे में ये हवाएं अरब सागर में बनने वाले तूफानों को भारत के तटीय इलाकों से दूर ले जाती हैं। और फिर अरब सागर के ज्‍यादातर चक्रवाती तूफान उत्‍तर-पश्चिम में ओमान व यमन या अफ्रीका में सोमालिया की ओर बढ़ जाते हैं।

क्यों आया निसर्ग तूफान ?

निसर्ग तूफान के मुंबई के तट से टकराने की सबसे बड़ी वजह पर्यावरण परिवर्तन (Climate Change) है। साल 2017 में चक्रवाती तूफान ‘ओखी’ आया था लेकिन तब इसका महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में कोई असर नहीं पड़ा था। साल 2009 में आया चक्रवाती तूफान फ्यान (Phyan) भी राज्य तक आते-आते कमजोर हो गया था। लेकिन निसर्ग तूफान Climate Change की वजह से महाराष्‍ट्र के तटों से टकरा गया।

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