scriptसबरीमाला ही नहीं भारत के इन मंदिरों में भी है महिलाओं के प्रवेश पर रोक, जानें क्यों | No Entry For Women In These Temples Of India | Patrika News

सबरीमाला ही नहीं भारत के इन मंदिरों में भी है महिलाओं के प्रवेश पर रोक, जानें क्यों

locationनई दिल्लीPublished: Jan 02, 2019 12:06:07 pm

Submitted by:

Vinay Saxena

सबरीमाला ही नहीं भारत में और भी कई ऐसे मंदिर हैं, जहां महिलाओं के प्रवेश का रोक है। आइए इन मंदिरों के बारे में जानते हैं।
 

sabrimala

सबरीमाला ही नहीं भारत के इन मंदिरों में भी महिलाओं के प्रवेश पर रोक, जानें क्यों

नई दिल्ली: सबरीमाला मंदिर में 50 साल से कम उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश के साथ ही मंदिर एक बार फिर चर्चा में आ गया है। सुप्रीम कोर्ट से सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत मिलने के लगभग तीन महीने बाद आज पहली बार महिलाओं ने सबरीमाला में भगवान अयप्पा के दर्शन किए। बता दें, सबरीमाला ही नहीं भारत में और भी कई ऐसे मंदिर हैं, जहां महिलाओं के प्रवेश का रोक है। आइए इन मंदिरों के बारे में जानते हैं।
झारखंड का मंगल चंडी मंदिर

मंगल चंडी के रूप में मां दुर्गा का यह मंदिर बोकारो जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर कसमार प्रखंड के टांगटोना पंचायत अंतर्गत कुसमाटांड गावं में स्थित है। मंदिर से 100 फीट की दूरी पर एक सीमा तय की गई है, जिसके आगे महिलाएं नहीं जा सकती। महिलाएं यहीं पर देवी मां की पूजा-अर्चना कर वापस लौट जाती हैं।

हरियाणा का भगवान कार्तिकेय मंदिर
हरियाणा के पिहोवा में भगवान कार्तिकेय मंदिर स्थित है। यहां भगवान के ब्रह्मचारी स्वरूप की पूजा की जाती है। इसी वजह से इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। मान्यता है कि अगर कोई भी महिला इस मंदिर में प्रवेश भी कर ले तो उसे श्राप मिल जाता है।
राजस्थान का जैन मंदिर

राजस्थान का रनकपुर का जैन मंदिर 5 जैन तीर्थों में से एक कहा जाता है, जो 15वीं शताब्दी में बना था। कहा जाता है कि मासिक धर्म के समय किसी भी महिला का प्रवेश यहां निषेध है। इतना ही नहीं मंदिर में जाने से पहले हर एक महिला को एक जरूरी काम करना होता है। जिसके तहत उन्हें अपनी टांगों को घुटनों के नीचे तक अच्छी तरह से ढकना होता है।
असम का पतबाउसी सत्रा

कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में संत और दार्शनिक श्रीमाता शंकरदेव ने पतबाउसी सत्रा मंदिर की स्थापना की थी। इसके बाद असम के पतबुआसी सत्रा आश्रम में महिलाओं के प्रवेश को वर्जित करने का नियम लागू किया गया।
इंदिरा गांधी को भी प्रवेश करने से रोक दिया गया था

जानकारी के मुताबिक, 2010 में असम के राज्यपाल जीबी पटनायक ने इस वैष्णव मंदिर के अंदर 20 महिलाओं के साथ प्रवेश कर कर्मकांड और प्रार्थना कर इस नियम को तोड़ दिया था, लेकिन राज्यपाल के पतबुआसी सत्रा के धार्मिक प्रमुख ‘सत्राधिकार’ को मनाए जाने के बाद भी इस प्रतिबंध को फिर से लागू कर दिया गया। इस मंदिर में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी प्रवेश करने से रोक दिया गया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो