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जब इस शौक के चलते आधी रात को दुकान खुलवाने पहुंच गए अटल जी, साथ में थी सायरन बजाती गाड़ियां

इस खबर में हम आपको अटल बिहारी वाजपेयी का एक ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं जिसे जानकार आप भी चौंक जाएंगे।

Aug 17, 2018 / 11:12 am

Vineet Singh

जब इस शौक के चलते आधी रात को दुकान खुलवाने पहुंच गए अटल जी, साथ में थी सायरन बजाती गाड़ियां

नई दिल्लीः भारत रत्न और तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी का बीती गुरुवार शाम 5.05 बजे निधन हो गया। वाजपेयी के निधन के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है। आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी देश की एक ऐसी शख्सियत थे जिन्हें हर उम्र के लोग अपना आदर्श मानते थे। अटल बिहारी वाजपेयी बेहद साधारण जीवन जीते थे और एक आम आदमी की तरह ही सभी काम करते थे। अटल बिहारी वाजपेयी को खाने पीने का काफी शौक था। आज इस खबर में हम आपको अटल बिहारी वाजपेयी का एक ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं जिसे जानकार आप भी चौंक जाएंगे।
आपको बता दें कि ग्वालियर शहर के शिंदे की छावनी में जन्में अटल बिहारी वाजपेयी को मिठाई खाने का काफी शौक था। अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे पसंदीदा मिठाई ‘बहादुरा के लड्डू’ और चिवड़ा नमकीन था। ‘बहादुरा स्वीट्स’ देशी घी की मिठाई बनाने के लिए मशहूर थे और यही पर अटल बिहारी वाजपेयी भी मिठाई खाने आते रहते थे।
बहादुरा मिष्ठान भंडार के मालिक ने बताया था कि जब अटल जी बहुत छोटे थे तब वो यहां पैदल चलकर लड्डू खाने आते थे। उस वक्त उनके लड्डू 4-6 रुपए प्रति किलो बिकते थे। ये लड्डू अटल जी जो इतने पसंद थे कि जब भी अटल जी किसी करीबी के घर जाते थे तो यही से लड्डू पैक करवाकर ले जाते थे।
रात दो बजे अटल जी ने खुलवाई दुकान

शहर के फालका बाजार स्थित नमकीन व्यवसायी सुन्नूलाल गुप्ता ‘बेडर’ की दुकान पर भी अटल जी चिवड़ा खाने आते थे। एक बार की बात है जब अटलजी विदेश मंत्री थी उस दौरान चुनावी सभा के चलते वो ग्वालियर आये थे, इस बात की सूचना सुन्नूलाल को लग गयी थी और उन्होंने अटल जी का पसंदीदा चिवड़ा बनवाकर रख लिया था लेकिन जब देर तक वो नहीं आये तब सुन्नूलाल दुकान बंद करके छत पर सो गया।
लेकिन देर रात 2 बजे पुलिस की गाड़ियां सायरन बजाती हुए आईं जिसकी आवाज सुनकर सुन्नूलाल उठ गए। जब वो नीचे उतरे तो देखा कि पुलिस की गाड़ियां उनकी दुकान के आगे रुक गयीं और कार में से केंद्रीय मंत्री अटलजी उतरे और बोले मैं हूं अटल बिहारी, चिवड़ा तैयार है ? इसके बाद झट से सुन्नूलाल अपनी दुकान पर गए और चिवड़े का स्पेशल मेवों को मिक्स कर उन्हें पैकेट दे दिया। इसके बदले में अटल जी ने सुन्नूलाल को ज्यादा पैसे दिए और ऐसा वो पहले भी करते थे।

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