यदि अप इसमें अंतर नहीं समझ पाए हैं तो जरा तस्वीर को अपना डिवाइस घूमकर देखिए। डिवाइस घुमाने पर आपको इस शख्स की डरावनी आँखें और अजीब दांत दिखाई दे जाएंगे। यकीन न हो तो नीचे दी गई तस्वीर को देखिए।
ये काफी कमाल है न? पर आपको पता है इसे थैचर इफैक्ट की मदद से बनाया गया है। 1980 में मनोविज्ञान के प्रोफेसर पीटर थॉम्पसन ने इस तरह का पहला ऑप्टिकल इल्यूजन बनाया था और लोगों का टेस्ट लिया था जिसे बाद में ‘द थैचर इल्यूजन’ का नाम दिया गया। इसमें उन्होंने बताया था कि जब हम उल्टा चेहरा देखते हैं तब चेहरे की नाक, आँख, कान मुस्कुराहट पर ध्यान जाता है और हम उसमें छिपी कमी को ढूंढ नहीं पाते। जो फीचर चेहरे का दिखाई देता है हम उसे ही मान लेते हैं लेकिन जब आप उस तस्वीर को सीधा करके देखेंगे तो आपको छिपी हुई कमी साफ दिखाई देगी।