इस शहर के इंसान से लेकर जानवर सभी बन गए थे पत्थर, हुई थी बहुत बड़ी तबाही
हजारों गरीब अपने परिवार के खाने के लिए कराची के रेहर्री घोथ में एकत्रित हुए थे। सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों और अन्य मजदूरों को स्थानीय NGO व प्रशासन के को इनके लिए भोजन की व्यवसथा करने का आदेश दिया था। लेकिन यहां हिंदुओं और ईसाइयों को राशन नहीं दिया गया। वहां मौजूद लोगों ने इन्हें वापस भेजते हुए कहा कि वे भोजन के पात्र नहीं हैं क्योंकि यह केवल मुसलमानों के लिए है।
दुनिया की सबसे खतरनाक जगह पर अकेले रहता है ये शख्स, काम जानकर रह जाएंगे हैरान पाकिस्तान में रहने वाले एक हिंदू ने बताया कि ‘लॉकडाउन के दौरान अधिकारी हमारी मदद नहीं कर रहे हैं, हमें राशन भी नहीं दिया जा रहा है क्योंकि हम अल्पसंख्यक समुदाय का हिस्सा हैं। हम भी पाकिस्तानी हैं धर्म के आधार पर भेदभाव अच्छी बात नहीं है।
लॉकडाउन: किचन में टैलैंट दिखाने गए थे चाचा, कर बैठे कांड एक और शख्स ने बताया, ‘मेरा बेटा रिक्शा चलाता है। लेकिन कोरोना की वजह से सब काम बंद है। वे भी घर पर बैठा है। हमरा पूरा परिवार कई दिनों से भूखा है। हमारे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है। जब हम वितरण केंद्र पर जाते हैं तो हमसे कहा जाता है कि हमारे लिए जरूरी सामान भेजा जाएगा लेकिन वे कभी नहीं भेजते। वे हमें भगा देते हैं।
पाकिस्तान में 4% आबादी हिंदू है। इनके साथ हमेशा से भेदभाव होता आया है। इतना ही नहीं इन्हें मानवाधिकारों से भी दूर रखा जाता है। ऐसे में कोरोना महामारी से ये लोग भले बच जाए ल्किन पाकिस्तान इस नापाक हरकत से बचना बहुत मुश्किल है।
बता दें पाकिस्तान में कोराना वायरस के मामलों की संख्या 2000 के पार चली गई। अबतक 26 लोग इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, बुधवार सुबह तक पाकिस्तान में 7 नए केस दर्ज किए जा चुके हैं।