अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की मदद करने वाली एक फर्म ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर लगभग 8.7 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी चुराने का आरोप लगा था।
यहां एक महीने के लिए फेसबुक पर लग सकता है बैन, फर्जी खबरों के चलते सरकार ने उठाया ये कदम
नई दिल्ली। ऐसे कई देश हैं जहां फेसबुक बैन है। आए दिन फेसबुक की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। पहले डेटा लीक और उसके बाद लोगों व कंपनियों का फेसबुक पेज डिलिट करना। ऐसे में एक खबर पापुआ न्यू गिनी से आई है जहां फेसबुक पर एक महीने के लिए प्रतिबंध लगाने पर विचार चल रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के संचार मंत्री सैम बासिल ने कहा कि इस प्रतिबंध से पापुआ न्यू गिनी नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट और विभाग यह अध्ययन करने में सक्षम होगा कि यूजर्स द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट का कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है और फेक अकाउंट की खोज कर कार्यवाई की जाएगी।
बासिल का कहना है कि, ‘इस अवधि के दौरान उन यूजर्स की पहचान की जाएगी और उनके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी, जो फर्जी खाते के पीछे छिपे हैं, जो अश्लील चित्र अपलोड करते हैं और ऐसे यूजर्स जो झूठी व गुमराह करने वाली सूचना फेसबुक पर पोस्ट करते हैं, उन्हें पहचाना जा सकेगा और हटाया जा सकेगा।’ हालांकि ये पहला मामला है जब किसी देश ने एक निश्चित अवधि के लिए फेसबुक पर बैन लगाया है। इस बारे में फेसबुक के प्रवक्ता ने अभी कोई टिप्पणी नहीं दी है। पापुआ न्यू गिनी सरकार ने ये फैसला साइबर क्राइम को रोकने के लिए लिया है। आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की मदद करने वाली एक फर्म ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर लगभग 8.7 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी चुराने का आरोप लगा था। बता दें कि, कैम्ब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स के डेटा का दुरुपयोग किया था। विश्व के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लगभग 5 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारियों के लीक होने की घटना चर्चा में बनी हुई है। इस मामले में हाल ही में फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग ने स्वीकार किया था कि उनकी कंपनी से गलतियां हुई हैं।