विशेषज्ञों की मानें तो जिन बच्चों के शरीर में जीएसटी की कमी होती है, उनमें फेफड़े की इस बीमारी से प्रभावित होने का खतरा ज्यादा रहता है। शोधकर्ताओं के मानें तो, अभी सिर्फ पैरासिटामोल और अस्थमा के संबंध के बारे में जानकारी मिली है। बता दें कि, पैरासिटामोल शरीर में मौजूद ग्लूटाथियोन को खत्म कर देता है। गौरतलब है कि, इस दवा का प्रयोग आम तौर पर बुखार, सर दर्द और अन्य छोटे मोटे दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है और यह असंख्य सर्दी और फ्लू के उपचार में काम में ली जाने वाली दवाओं का प्रमुख अवयव है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ग्लूटाथियोन फेफड़ों को जहरीले तत्वों से छुटकारा दिलाने में कारगर साबित होता है। जिन लोगों के शरीर में जीएसटी एंजाइम की गतिविधियां नहीं पाई जाती हैं वे अगर पैरासिटामोल का इस्तेमाल करते हैं तो उनके फेफड़ों में संक्रमण होने की आशंका ज्यादा होती है।