बच्चे के पिता का नाम अनिल था, जो एक सफाई कर्मचारी थे। कुछ दिन पहले अनिल की दिल्ली में एक सीवर की सफाई करते वक्त दम घुटने से मौत हो गई थी। अनिल के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा तीन बच्चे भी हैं। फोटो में शव के पास खड़ा होकर रो रहा सबसे बड़ा बच्चा गौरव है, जिसकी उम्र 11 साल बताई जा रही है। अनिल अपने घर में कमाने वाले इकलौते शख्स थे, जिनकी कमाई से पूरा घर चल रहा था। फिर भी उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर थी। अनिल दिल्ली के डाबड़ी में अपने परिवार के साथ किराए के कमरे में रहते थे।
घर के मुखिया की मौत के बाद उन पर दो वक्त की रोटी का संकट आ खड़ा हुआ। ऐसे में सनी के ट्विटर पोस्ट और फिर एनजीओ के कैंपेन ने सोशल मीडिया का ऐसा फायदा उठाया कि आपको यकीन नहीं होगा। इन दिनों ‘क्राउड फंडिंग’ सोशल मीडिया पर इतना दमदार और शक्तिशाली प्लेटफॉर्म बन गया है, जहां से मुसीबत में फंसे लोगों की आर्थिक मदद की जा सकती है। अनिल के मामले में भी ठीक ऐसा ही हुआ। ‘क्राउड फंडिंग’ के ज़रिए लोगों ने केवल दो दिनों के अंदर अनिल के बाद उनके तीनों बच्चों और पत्नी के लिए कुल 57 लाख रुपये मदद के तौर पर दे दिए।
एक हिंदी वेबसाइट के मुताबिक इकट्ठा हुए कुल 57 लाख रुपयों में से ketto.org अपनी फीस के तौर पर कुछ राशि, जीएसटी और पेमेंट गेटवे की फीस मिलाकर कुल 9.44 प्रतिशत राशि कटकर अनिल के परिवार को मिल जाएगी।