कैसे मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष में दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध (Shradh) निकाला जाता है। कहा जाता कि पितर नाराज हो जाएं तो परिवार में काफी संकट होता है। ऐसे में श्राद्ध से पितरों को तृप्त करना और उनकी आत्मा की शांति जरूरी है। 17 दिन तक इन चीजों का रखें विशेष ध्यान।
Pitru Paksha 2020: श्राद्ध भोज थाली में इन चीजों का करें परहेज, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद
पितृ पक्ष में तर्पण करते समय किसी बड़े का होना आवश्यक होता है। पितृ पक्ष के दौरान हर दिन सुबह जल्दी उठे स्नान करके साफ कपड़े पहने चाहिए। तर्पण करते समय हाथ में कुश घास से बनी अंगूठी पहनना चाहिए।
पितृ पक्ष में ब्राह्राणों को भोजन और दक्षिणा के साथ अग्नि और गुरुड़ पुराण का पाठ करवाना चाहिए। और पितृपक्ष से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए। पितृ पक्ष में हर दिन बने भोजन को सबसे पहले कौवे, गाय और कुत्तों को अर्पित करना चाहिए. मान्यता है पितरदेव ये रूप धारण कर भोज करने आते हैं।
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2020 में कब है पितृ पक्ष
पहला श्राद्ध: (पूर्णिमा श्राद्ध): 1 सितंबर 2020
दूसरा श्राद्ध: 2 सितंबर 2020
तीसरा श्राद्ध: 3 सितंबर 2020
चौथा श्राद्ध: 4 सितंबर 2020
पांचवा श्राद्ध: 5 सितंबर 2020
छठा श्राद्ध: 6 सितंबर 2020
सांतवा श्राद्ध: 7 सितंबर 2020
आंठवा श्राद्ध: 8 सितंबर 2020
नवां श्राद्ध: 9 सितंबर 2020
दसवां श्राद्ध: 10 सितंबर 2020
ग्यारहवां श्राद्ध: 11 सितंबर 2020
बारहवां श्राद्ध: 12 सितंबर 2020
तेरहवां श्राद्ध: 13 सितंबर 2020
चौदहवां श्राद्ध: 14 सितंबर 2020
पंद्रहवां श्राद्ध: 15 सितंबर 2020
सौलवां श्राद्ध: 16 सितंबर 2020
सत्रहवां श्राद्ध: 17 सितंबर (सर्वपितृ अमावस्या) 2020