सरकार ने क्यों लिया यह फैसला
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके पीछे का कारण बताया है कि ‘कोविड-19 टीकों को बच्चे, गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाएं न लगाने का कारण यह है कि, इन पर किसी भी कोरोना वायरस के टीके (Corona Vaccine) का क्लिनिकल ट्रायल नहीं किया गया है।’इसके अलावा यह भी कहा गया कि बच्चों को भी यह टीका कतई नहीं लगेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर रहा है कि जिसे पहला टीका जिस वैक्सीन का लगा है उसे दूसरी डोज भी उसी वैक्सीन की दी जाएगी। दोनों टीकों के बीच कम से कम 14 दिन का अंतराल रखना होगा।
टीका लगाने से पहले लोगों की मेडिकल हिस्ट्री का पता लगाना जरूरी है। जिन्हें किसी तरह की एलर्जी की समस्या है उन्हें टीका देने से पहले सावधानी बरतने को कहा गया है। जो लोग किसी अन्य बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती रहे हों, बीमार रहे हों, उन्हें ठीक होने के चार से आठ हफ्ते बाद टीका लगाया जाए। टीका लगने के बाद किसी व्यक्ति को यदि किसी तरह की परेशानी होती है तो उसे पैरासीटामोल देने की सलाह दी गई है।