40 जवान हो गए थे शहीद
इस धमाके के बाद जवानों को कुछ समझ आता कि क्या हुआ है उससे पहले आतंकियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलीयां चलानी शुरू कर दी।लेकिन जैसे तैसे जवानों ने उन्हें खदेड भगाया। लेकिन तब तक बहुत कुछ बदल चुका था। सड़क पर लाशों को ढेर बिछ चुका था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। यह जवान सीआरपीएफ की 76 बटालियन से थे। इसके अलावा कई जवान घायल हो गए थे। इन जवानों को तुरंत श्रीनगर में आर्मी के बेस हॉस्पिटल ले जाया गयाहजारों बॉडी पार्ट्स किए थे इकट्ठे
NIA के एक आला अधिकारी ने बताया कि इस आतंकवादी हमले में हजारों बॉडी पार्ट्स इकट्ठे किए थे क्योंकि एनआईए अधिकारियों को शक था कि इन्हीं शरीर के टुकड़ों में से कोई एक टुकड़ा फिदायीन हमलावर का भी रहा होगा। NIA का शक सही था।घटनास्थल से शरीर के जो टुकड़े मिले थे उनमें से एक संभावित टुकड़े का जब अहमद दार के पिता से डीएनए कराया गया तो वह मैच खा गया। अहमद महज 20 साल का लड़का था। इस तबाही को उसी ने अंजाम दिया था। अहमद पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम करता था।इस हमले की जिम्मेदारी भी इसी समूह ने ली थी।देश ने लिया जोरदार बदला
इस घटना से पूरे देश में गुस्सा था। चारो तरफ मोदी सरकार की आलोचना हो रही थी। लोग सरकार को कोस रहे थे। देश का हर नागरिक पाकिस्तान से बदला लेना चाहता था। फिर वो दिन भा आया। इस घटना के 12 दिन बाद यानी 26 फरवरी को सरकार ने गुप्त तरीके से पाकिस्तान पर हमला करवाया। ये हमला भारतीय वायुसेना ने जरिए करवाया गया। भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक कर पाकिस्तान के बालाकोट को नक्शे से ही हटा दिया। इस एयरस्ट्राइक में लगभग 300 आतंकवादी मारे गए। हालांकि सरकार ने इसकी कभी पुष्टि नहीं की।