हॉट ऑन वेब

महिला ने छत को बनाया Garden, बिना मिट्टी के उगाती हैं फल और सब्जियां, देखें Photos

4 Photos
Published: July 07, 2020 09:48:28 pm
1/4

अगर हम आपसे कहें की बगैर मिट्‌टी के सब्जियां (Farming) उगाई जा सकती है तो ये सुनकर आप थोड़े हैराम हो सकते हैं। लेकिन ये सच हैं। पुणे की रहने वाली नीला रेनाविकर पिछले 10 वर्ष से घर पर ही बगैर मिट्‌टी के साग-भाजी (organic farming) और फल उगा रही हैं। मैराथन रनर रह चुकी नीला पेशे से अकाउंटेंट हैं। उन्होंने अपने छत को एकदम खेत की तरह बना रखा है। 450 स्क्वायर फीट एरिया के छत पर वे कई तरह फल-फूल और सब्जियां उगा लेती है।

 

2/4

नीला रेनाविकर पिछले 10 साल से बिना मिट्टी के साग-सब्जी और फल उगा रही हैं। उन्होंने अपने टेरेस गार्डन को पूरा खेत बना रखा है। जहां खीरा, आलू, गन्ना से लेकर बहुत कुछ उगता है। अपने छत वाले खेत पर फल और सब्जियों को उगाने के लिए नीला गमले में मिट्टी का इस्तेमाल नहीं करती हैं। इसके लिए वे सूखे पत्तों, किचन वेस्ट और गोबर से कम्पोस्ट तैयार करती हैं और इसी में पौधों को लगाती हैं। जिसकी कारण बिना मिट्टी के भी लंबे समय तक नमी बनी रहती है, जिससे पौधे एकदम स्वस्थ रहते हैं।

 

3/4

नीला बताती हैं कि वे किसी खास तरह की तकनीक का इस्तेमाल नहीं करती।’ इसके लिए सिर्फ मेहनत और समय देना होता है। उन्होंने बताया कि उन्हें पर्यावरण से मोहब्बत है। लेकिन शुरुआत उन्हें समझ नहीं आता था कि किचन में बचने वाले वेस्ट का क्या किया जाए। ऐसे में उन्होंने उन दोस्तों से मदद ली जो कम्पोस्टिंग करते थे और फिर खुद सीख गई।

4/4

नीला बताती है कि उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से बिना मिट्टी के पौधे उगाने वाली इस तकनीक को सीखा है। वे यूट्यूब पर कई तरह के वीडियो देखकर यह सीखना शुरू किया कि एक पौधो को उगाने से लेकर उसके देखभाल के लिए किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इसके बाद उन्होंने इसका प्रयोग शुरू किया। नीला कम्पोस्ट बनाने के लिए एक डिब्बे में निश्चित मात्रा में सूखी पत्तियां डालीं, गोबर डाला फिर हर हफ्ते किचन वेस्ट उसमें डालने लगीं। ऐसा करने से मात्र एक महीने में खाद तैयार हो गया। नीला कहती हैं, ‘बिना मिट्टी वाली खेती के तीन बड़े फायदे हैं- पहला कीड़े नहीं लगते, दूसरा वीड या फालतू घास नहीं होती, तीसरा मिट्टी वाली खेती में पौधे पोषण और पानी ढूंढते हैं जो यहां आसानी से मिल जाता है।’

 

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.