पूरे तन में भस्म लगाए रबड़ी बाबा को देखने पर के बात आपको उनकी एक और बात खास लग सकती है। एक सामान्य नागा साधू के वेश में बैठे रबड़ी बाबा रात में भी काला चश्मा लगाए बैठे रहते हैं। उत्तर गुजरात के सिद्धपुर पाटन स्थित महाकाली बीड़ शक्तिपीठ से ताल्लुक रखने वाले महंत देवगिरी का अपने काले चश्मे को लेकर कहना है कि इसे लगाने के पीछे कोई खास कारण नहीं है। उनका कहना है कि वे लोगों का आकर्षण खींचने के लिए ऐसा करते हैं। आपको बता दें यह पहली बार नहीं है जब बाबा खबरों में आए हैं। इससे पहले उज्जैन कुंभ के दौरान उन्हें लोग गोल्डन बाबा के नाम से भी जानते थे। उस कुंभ में उन्होंने अपने शरीर को महाकाल के श्रृंगार में प्रयोग होने वाले 5 हजार सिक्कों से सजाया था।