अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक लार्सन टूब्रो कंपनी ने जमीन के 200 फीट नीचे तक की नाप ली है। जिससे मंदिर निर्माण के दौरान इतनी गहरी नींव आसानी से डाली जा सके। बरसात के चलते अभी नींव की खुदाई का कार्य शुरू नहीं किया गया है। हालांकि इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। नींव की खुदाई का मानचित्र फाइनल होने के बाद काम शुरू होगा। इस प्रक्रिया में करीब एक से दो महीने का वक्त लगेगा। इसका मानचित्र चेन्नई आईआईटी ने तैयार किया है।
धार्मिक मान्यताओं का भी रखा ख्याल
अयोध्या में राम मंदिर को काफी भव्य तरीके से तैयार किया जा रहा है। साथ ही इस दौरान धार्मिक मान्यताओं का भी खास ख्याल रखा जा रहा है। इसी कारण नींव की गहराई ज्यादा रखी जा रही है। जिससे नींव और मंदिर के शिखर की परछाई जमीन पर नहीं पड़ सकेगी। हिंदू शास्त्रों में इसे अच्छा नहीं माना जाता है।
अयोध्या में राम मंदिर को काफी भव्य तरीके से तैयार किया जा रहा है। साथ ही इस दौरान धार्मिक मान्यताओं का भी खास ख्याल रखा जा रहा है। इसी कारण नींव की गहराई ज्यादा रखी जा रही है। जिससे नींव और मंदिर के शिखर की परछाई जमीन पर नहीं पड़ सकेगी। हिंदू शास्त्रों में इसे अच्छा नहीं माना जाता है।
1000 वर्ष बढ़ जाएगी उम्र
मंदिर की नींव को गहरा रखने के पीछे इसे प्राकृतिक आपदाओं से बचाना भी है। 200 फीट की गहराई पर इसे डालने से मंदिर पर भूकंप का असर नहीं पड़ेगा। साथ ही इससे मंदिर की लाइफ भी बढ़ जाएगी। इससे ये करीब 1000 साल तक सुरक्षित अवस्था में रह सकेगा।
मंदिर की नींव को गहरा रखने के पीछे इसे प्राकृतिक आपदाओं से बचाना भी है। 200 फीट की गहराई पर इसे डालने से मंदिर पर भूकंप का असर नहीं पड़ेगा। साथ ही इससे मंदिर की लाइफ भी बढ़ जाएगी। इससे ये करीब 1000 साल तक सुरक्षित अवस्था में रह सकेगा।