रांची में परिवार के मुखिया दीपक झा ने भाई के साथ मिलकर अपनी पत्नी, बेटा, बेटी और मां-पिता की हत्या कर दी। फिर दोनों सगे भाई फंदे पर झूल गए। सोमवार की सुबह सात शव बरामद किए गए। पुलिस की जांच और कमरे से बरामद 15 पन्ने के सुसाइड नोट के अनुसार पूरी घटना के पीछे प्रथम दृष्ट्या आर्थिक तंगी व भारी कर्ज का मामला सामने आ रहा है।
दीपक ने लिखा है, ”13 माह के बेटे जंगू के इलाज में इतना कर्ज हो गया था कि उसके दूध के लिए भी पैसे नहीं बचे थे।” बेटे का इलाज रांची के रानी चिल्ड्रन में चल रहा था। जंगू को जन्म से ही सिर बढ़ने की बीमारी थी। 9 जून को ही जंगू का पहला जन्मदिन मनाया गया था। दीपक ने कर्ज का पूरा डिटेल सुसाइड नोट में दिया है।
बता दें, दीपक झा रांची में फर्नीचर बेचने वाली कंपनी गोदरेज के डीलर रेसिलियंट फर्नीचर में स्टोर मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। पिता सचिदानंद झा पतरातू में रेलवे से रिटार्यड थे। दीपक और रूपेश की पढ़ाई लिखाई पतरातू में ही हुई थी। वहां से 6-7 साल पहले ही परिवार रांची आ गया था और कांके में रह रहा था।
झा परिवार की एकमात्र जीवित सदस्य मृतक दीपक झा की बहन के मुताबिक, पिता और दोनों भाइयों को फिजूलखर्ची की आदत थी। इसकी वजह से दिक्कतें पहले भी होती थीं, बच्चे के इलाज में हुए खर्च की वजह से कर्ज बहुत बढ़ गया था। घर के तीनों पुरुष सदस्यों के कर्ज लेने और शराब पीने की लत के कारण मां और भाभी काफी परेशान रहती थी।