इस सांप का नाम रेड सैंड बोआ है,जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार ( International market ) में भारी मांग और महंगी कीमत है। दरअसल, ये प्रजाति एक संरक्षित प्रजाति है, जिसकी खरीद और बिक्री प्रतिबंधित है। बावजूद इसके कई लोग इसका व्यापार करते हैं। पुलिस सहायक निरीक्षक नीलेश राणे के मुताबिक, इस सांप को नवी मुंबई के पनवेल इलाके के पास लगे एक वन्यजीव बाजार से उस वक्त जब्त किया गया, जब 20 साल के जाधव नाम का व्यक्ति इसे बेचने की कोशिश कर रहा था। इस मामले में जाधव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस सांप की सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि उसके अंदर जहर नहीं होता है। इस सांपों का इस्तेमाल दवाओं और सौंदर्य के प्रसाधनों को बनाने में किया जाता है। यही नहीं इसका इस्तेमाल जादू-टोने में भी किया जाता है। साथ ही इसकी पूंछ और सिर दोनों गोल होते हैं। ऐसे में इसे देखने पर लगता है कि इसके दोनों तरफ मुंह है, लेकिन ऐसा नहीं होता। ये सांप ज्यादातर रात के समय ही बाहर निकलते हैं। ये सांप कभी अपना बिल नहीं बनाता बल्कि, चूहों के बिल में रहता है। ये छोटे जीवों और दूसरे सांपों को अपना भोजन बनाता है।