कुछ समय पहले सरकार ने कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे। जिसके तहत सरकार ने घरों ऑफिस और अस्पताल में चलने वाले एसी और कोरोना वायरस को फैलने को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की थी। जिसमें एसी (AC) व कूलर (Cooler) का कम इस्तेमाल करने की सलाह दी थी।
वहीं चीन में महामारी की शुरुआत में इस पर भी एक रिसर्च की गई थी। यह रिसर्च एक महिला पर हुई थी। जिसके मुताबिक के रेस्तरां में एक महिला जहां बैठी थी उसके ठीक पीछे AC था और उसमें कोरोना के लक्षण दिखे थे। उसने अपनी टेबल पर बैठे चार लोग और 5 अन्य लोगों को संक्रमित किया। इस मामले के बाद AC का कोरोना के कणों से कनेक्शन ढूंढा गया।
हवा में मौदूज होते है कोरोना के कण अमेरिका (America) की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी (University of Maryland) के रिसर्चर डाेनॉल्ड मिल्टन (Researcher danold milton) के मुताबिक यह रिसर्च साबित करती है कि कोरोना के कण हवा में मौजूद रहते हैं। हवा का मूवमेंट (Movement) अधिक होने पर कोरोना (Corona) के कण नाक तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
बंद कमरे में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा इस मामले को लेकर अमेरिकी शोधकर्ता किंगयान (Qingyan) चेन कहते हैं कि अगर घर में कोई कोरोना का मरीज है तो AC को बंद कर देना ही बेहतर होगा। सबसे सेफ विकल्प है कि सारी खिड़कियां खोल दें। बंद कमरे से संक्रमण का खतरा कितना है, इस पर किंगयान कहते हैं कि ऐसी स्थिति में अगर ड्रॉप्लेट्स (Droplets) या कोरोना के बारीक कण होते हैं तो संक्रमण का खतरा बढ़ता ही है लेकिन जब बाहर से हवा आती है तो उस माहौल का दबाव घटता है। हवा उस दबाव को घटाती है।
हवा की नमी को कम कर देता है AC हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (Harvard School of Public Health) के प्रोफेसर एडवर्ड नार्डेल (Professor Edward Nardell) कहते हैं कि एयर कंडीशनर (air conditioner) कोरोना के बेहद बारीक कणों को चारों तरफ फैला सकते हैं। AC हवा से नमी को खत्म कर देते हैं और हम सब जानते हैं कि वायरस को संक्रमण (Coronavavirus Infection) फैलाने के लिए सूखा वातावरण काफी पसंद है इसलिए वेंटिलेशन का ध्यान रखें।