49 रुपये की ‘Covihalt ‘ दवा से होगा कोरोना का इलाज, जानें किन मरीजों को मिलेगी?
वैक्सीन में लगेगा समय
शोध में बताया गया कि चूंकि बीमारी नई है, ऐसे में नई दवाओं के विकसित होने में समय लग सकता है। इसलिए इसके इलाज के लिए मौजूदा दवाओं को फिर से तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। चाहे वह इबोला ड्रग रेमेडिविर हो या फ़्लू ड्रग फ़ेवीपिरवीर, बीमारी के लिए सभी अनुमोदित ड्रग्स पहले विकसित किए गए थे।
डिसुलफिरम से इलाज संभव!
एचएसई के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि संभावित इलाज के लिए कोरोना वायरस के संरचनामत्मक तत्वों को चुना जाना चाहिए, जिनमें विकास के दौरान परिवर्तन की संभावना कम हो। इसके लिए सार्स- कोव-2 वायरस के मुख्य प्रोटीज एम प्रो सबसे प्रभावी प्रोटीन हैं। शोध में बताया गया कि शराब की लत छुड़ाने वाली दवा डाइसलफिराम सार्स कोव-2 से दो तरीके से लड़ता है।
भारत में Coronavirus का इलाज होगा संभव! इस दवा को बेचने की मिली अनुमति
पहला यह सह अवरोधक है और दूसरा यह कोविड-19 के लक्षणों को भी रोकता है। जैसे यह घटे ग्लूटाथियोन को रोकने में काफी मदद करता है जो एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट है। एचएसई विश्वविद्यालय द्वारा, डिसुलफिरम Mpro को 100nm (नैनोमोलर) की एकाग्रता पर रोक सकता है। नेरेटिनिब का प्रभाव नैदानिक उपयोग के लिए पर्याप्त नहीं होने का सुझाव दिया गया है।