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NASA को अंतरिक्ष में मिला अनोखा Corona, जानें कैसे करता है ये काम?

Published: Jul 20, 2020 04:03:02 pm

Submitted by:

Vivhav Shukla

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration ) के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में कोरोना (Corona) को खोज निकाला है। इस कोरोना का मतलब वायरस से नहीं है। ये कोरोना ब्लैकहोल (Black Hole) के आसपास चमकता (Glow) नजर आता है ।

Scientists see black hole's corona disappear, then reappear

Scientists see black hole’s corona disappear, then reappear

नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration ) के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में कोरोना (Corona) को खोज निकाला है। इस कोरोना का मतलब वायरस से नहीं है। ये कोरोना ब्लैकहोल (Black Hole) के आसपास चमकता (Glow) नजर आता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये कोरोना गायब हो कर वापस आ जाता है जिसके चलते इसे देखकर NASA के वैज्ञानिक हैरान हैं।

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दरअसल, ब्लैकहोल (Black Hole) चमकते नहीं हैं । उनकी आसपास चमकने वाले पिंड (Objects) से ही उनके बारे में जानकारी मिलती है। उनके गुरुत्व के बचकर प्रकाश तक निकल नहीं सकता लेकिन इस बार वैज्ञानिकों ने एक Black Hole को पास अनोखी चमक (Glow) देखी है । जो गायब होके वापस आ जाती है।

नासा के मुताबिक इस ब्लैक ***** के चारों तरफ गहरे नारंगी रंग के गर्म गैस की लेयर है। इस ब्लैक ***** से इतनी तेज एक्स-रे ग्लो निकल रही है जो धरती से 30 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है लेकिन इसका एक्स-रे ग्लो धरती से दूरबीन के माध्यम से देखा जा सकता है।

Black Hole से 100 गुना ज्यादा चमकदार

नासा (NASA) ने बताया है कि इसी ब्लैक ***** के चारों तरफ सफेद-नीले रंग का कोरोना घूम रहा था जो ब्लैक ***** से 100 गुना ज्यादा चमकदार और गर्म था। वैज्ञानिक ये देख कर हैरान थे कि यह कोरोना गायब होकर वापस आ गया। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये कोरोना (Corona) वाला इलाका बहुत ही गर्म इलेक्ट्रॉन से मिलकर बना होता है जिस पर ब्लैकहोल के मैग्नेटिक फील्ड से शक्ति मिलती है। यह एक सिंक्रोटॉन की तरह होता है जो इलेक्ट्रोन का त्वरण इतना बढ़ा देता है कि उस उच्च ऊर्जा से उससे एक्स रे की वेवलेंथ की चमक निकलने लगती है।

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ये ब्लैक ***** 1ES 1927+654 नाक की गैलेक्सी में मौजूद है। और इस ब्लैक ***** के बाहर चक्कर लगा रहा कोरोना हर 40 दिन में खत्म होकर वापस आ जा रहा है। चिली के सैंटियागो स्थित डिएगो पोर्टेल्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्लाउडियो रिकी के मुताबिक इस ब्लैक ***** का कोरोना अजीब है जिसे समझने में काफी समय लग सकता है।

क्या होता है Black Hole

ब्लैकहोल (black hole ) अंतरिक्ष का वो हिस्सा है, जहां भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम काम नहीं करता। इसके गुरुत्वाकर्षण से कुछ भी नहीं बच सकता, यहां तक कि प्रकाश भी यहां प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं निकल पाता है। यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है इसीलिए इसको ब्लैकहोल कहते हैं।

 
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