कोरोना का मौसम पर अटैक! भारत में सबसे ठंडा अप्रैल, ब्रिटेन में टूटा 361 साल का रिकॉर्ड
ज्यादा चमकीला होता है आसमान
American Meteor Society के अनुसार, यह घटना तब घटित होती है जब बृहस्पति, शनि, मंगल और चंद्रमा एक सीधे में आ जाते है। इस गतिविधि को लिरिड्स मेटियोर शॉवर कहा जाता है। इस दौरान 22 अप्रैल के बाद बीच में मध्य रात्रि के दौरान आकाश में उल्का पिंडो की बारिश के कारण आसमान में आतिशबाजी जैसा नजारा होता है। इस घटना को किसी अंधेरे और शांत इलाकों से आसानी से देखी जा सकती है।
30 अप्रैल तक दिखेगा नजारा
बता दें कि 30 अप्रैल तक कई उल्का पिंडो की बारिश के नजारे देखने को मिल सकते है। इसे रात एक बजे के बाद देख सकते। इस प्रकाश तड़के 2 से 4 बजे के बीच चरम पर रहता है। आकाशीय घटना को सीधे आंखों से देख सकते। accuweather.com के मुताबिक, प्रति घंटे 18 उल्काएं देखी जा सकती है।
लिरिड्स 100 उल्काओं को फैलाने में सक्षम है। यह घटना 2020 के बाद 2280 से पहले नहीं दिखेगी। इनकी रफ्तार 177,000 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। लिरिड्स मेटियोर शॉवर के अलावा लेनोइड्स मेटियोर और गरमिनीड्स मेटियोर सिक नवंबर और दिसंबर में भी देखा जा सकता है।