बता दें कि 48 वर्षीय सेल्वरानी कि जो भारत के तमिलनाडु राज्य के मदुरै में निवास करती हैं। बचपन से ही सेल्वरानी को सांड पालने का शौक था।
आपको बता दें कि तमिलनाडु में पारंपरिक खेल खेला जाता है जिसमें सांड का उपयोग बहुतायात मात्रा में किया जाता है। सेल्वरानी भी यही चाहती थीं कि उसका पाला हुआ सांड मेडल जीते। बस इसी जिद के चलते सेल्वरानी ने एक सांड को पाला और उसकी देखरेख करने के लिए उन्होंने जीन भर शादी ना करने का फैसला ले लिया। अब वो सिर्फ सांड को पालने या उसकी देखरेख करने में अपना पूरा वक्त गुजार देती हैं।
सेल्वरानी ने अपने इस अनोखे सांड का नाम रामू रखा है। सेल्वरानी रामू की देखभाल करने के साथ खेतों में मजदूरी भी करती हैं। सेल्वरानी का कहना है कि, शांत स्वभाव का रामू जब खेल के मैदान में उतरता है तो बहुत उग्र रूप धारण कर लेता है। बीते पांच सालों में वो हर बार खेल में जीत हासिल करते आ रहा है।
इनाम के तौर पर रामू को घर में इस्तेमाल होने वाला सामान, सिल्क की साड़ी और सोने के सिक्के मिले हैं। खेल में बार-बार जीत हासिल करने के लिए कई लोगों ने रामू को खरीदने की मांग की। इसके लिए लोगों ने मोटी रकम की पेशकश भी की, लेकिन सेल्वरानी ने रामू को बेचने से साफ इंकार कर दिया।
सेल्वरानी और सांड रामू के बीच अनोखा मानवीय रिश्ता है। केवल इंसानियत की खातिर कोई इंसान इस तरह अपनी खुशियों को त्याग सकता है। यह आज के जमाने में बहुत ही मुश्किल से देखने को मिलता है।