33 लोगों को उतार चुका है मौत के घाट
आदेश खमारा को एक महिला पुलिस अफसर ने सुल्तानपुर के जंगल से गिरफ्तार किया था। जब उससे पूछताछ की गई तो कबूलनामा सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। उसने एक के बाद एक 30 हत्याओं की बात कबूली। इसके बाद मंगलवार को उसने 3 और हत्याएं करने की बात कही। अब पुलिस ने अपना रिकॉर्ड खंगाला शुरू किया तो पता चला कि खमारा ने इन हत्याओं की शुरुआत साल 2010 में की थी। वह ड्रक डाइवरों को अपना निशाना बनाता था। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में सिलसिलेवार कई ड्रक डा्रइवरों के शव बरामद हुए थे। इन सभी हत्याओं को एक चीज जोड़ रही थी कि वारदात का शिकार हुए सभी लोग या तो ट्रक ड्राइवर थे या फिर उनके साथी।
आदेश खमारा को एक महिला पुलिस अफसर ने सुल्तानपुर के जंगल से गिरफ्तार किया था। जब उससे पूछताछ की गई तो कबूलनामा सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। उसने एक के बाद एक 30 हत्याओं की बात कबूली। इसके बाद मंगलवार को उसने 3 और हत्याएं करने की बात कही। अब पुलिस ने अपना रिकॉर्ड खंगाला शुरू किया तो पता चला कि खमारा ने इन हत्याओं की शुरुआत साल 2010 में की थी। वह ड्रक डाइवरों को अपना निशाना बनाता था। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में सिलसिलेवार कई ड्रक डा्रइवरों के शव बरामद हुए थे। इन सभी हत्याओं को एक चीज जोड़ रही थी कि वारदात का शिकार हुए सभी लोग या तो ट्रक ड्राइवर थे या फिर उनके साथी।
मोक्ष के लिए ट्रक ड्राइवरों की हत्या इन हत्याओं के बारे में गिरफ्तार हुए खमारा के एक साथी जयकरन से जब पूछा गया तो उसने हंसते हुए जवाब दिया कि वह उन्हें मोक्ष दे रहा था। जयकरन के चेहरे पर जरा सी भी शिकन या पछतावा नजर नहीं आ रहा था। उसने हंसते हुए कहा, ‘ड्रक ड्राइवरों की जिंदगी काफी कठिन होती है। मैं उन्हें कष्ट से छुटकारा दिलाते हुए मुक्ति के रास्ते पर भेज रहा हूं।’
रस्सी से घोंट देता था गला
भोपाल के डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी के मुताबिक, 48 साल के खमारा ने अपनी शांत स्वभाव और मिलनसार प्रवृत्ति का फायदा ट्रक ड्राइवरों को शिकार बनाने के लिए उठाया। खमारा के दूसरे साथी लूट को अंजाम देते थे, जबकि वह खुद एक लंबी रस्सी से ड्राइवरों का गला घोंट देता था। कभी-कभी वह जहर का भी इस्तेमाल करता था। इसके बाद ड्रक ड्राइवरों की पहचान छिपाने के लिए हत्या के बाद उनके सारे कपड़े उतार देते थे। इसके बाद लाश को किसी पुलिया या पहाड़ी से नीचे फेंक देते थे।
भोपाल के डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी के मुताबिक, 48 साल के खमारा ने अपनी शांत स्वभाव और मिलनसार प्रवृत्ति का फायदा ट्रक ड्राइवरों को शिकार बनाने के लिए उठाया। खमारा के दूसरे साथी लूट को अंजाम देते थे, जबकि वह खुद एक लंबी रस्सी से ड्राइवरों का गला घोंट देता था। कभी-कभी वह जहर का भी इस्तेमाल करता था। इसके बाद ड्रक ड्राइवरों की पहचान छिपाने के लिए हत्या के बाद उनके सारे कपड़े उतार देते थे। इसके बाद लाश को किसी पुलिया या पहाड़ी से नीचे फेंक देते थे।