scriptIIT बॉम्बे से M.Tech कर ट्रैकमैन बने धनबाद के श्रवण कुमार, ‘जॉब सिक्योरिटी’ के कारण कैरियर में आया मोड़ | Shrawan kumar IITian from Dhanbad chooses to be Trackman in Railway | Patrika News

IIT बॉम्बे से M.Tech कर ट्रैकमैन बने धनबाद के श्रवण कुमार, ‘जॉब सिक्योरिटी’ के कारण कैरियर में आया मोड़

Published: Aug 28, 2019 04:19:06 pm

Submitted by:

Shweta Singh

जॉब सिक्यिरिटी के कारण IITian ने लिया बड़ा फैसला
रेलवे के सिनियर अधिकारी समेत श्रवण के दोस्तों को भी नहीं हो रहा यकीन

IIT Bombay Shrawan Kumar Trackman

नई दिल्ली। भारतीय मां-बाप अक्सर ये कहते हुए देखे जाते हैं कि बेटा दसवीं कर लो फिर आराम है, बारहवीं के बाद सुकुन होगा और आखिर में उनका यह कहना कि एक सरकारी नौकरी मिल जाए फिर तो आराम ही आराम है। दरअसल, सरकारी नौकरी अपने साथ जिंदगीभर के रूतबे और आराम की गारंटी लेकर आता है। जबकि प्राइवेट कंपनियों में जॉब सिक्योरिटी को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है।

धनबाद रेलवे डिवीजन में ग्रुप ‘डी’ की नौकरी

आलम ये है कि पढ़ाई कहीं से किसी भी स्ट्रीम में की हो, लेकिन देश का युवा वर्ग सरकारी नौकरी की ही रेस में भागता नजर आ रहा है। चाहे बात वो बैंकिंग हो, रेलवे हो या अन्य किसी भी तरह की सरकारी नौकरी। इसी बात से जुड़ी एक खबर बिहार के पटना से सामने आ रही है। वहां के रहनेवाले श्रवण कुमार ने IIT बॉम्बे से B.Tech और M.Tech से पढ़ाई पूरी की, लेकिन नौकरी उन्होंने भी सरकारी चुनी। हालांकि, खास बात ये है कि वो धनबाद रेलवे डिवीजन में भारतीय रेलवे में ग्रुप ‘डी’ में नौकरी कर रहे हैं।

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‘जॉब सिक्योरिटी’ के कारण श्रवण ने किया ये फैसला

IIT बॉम्बे से पढ़े श्रवण चंद्रपुरा और टेलो सेक्शन के बीच के ट्रैकमैन का काम कर रहे हैं। श्रवण के इस फैसले की सबसे बड़ी वजह भी ‘जॉब सिक्योरिटी’ ही सामने आई। श्रवण का कहना है कि बचपन से वो सरकारी नौकरी करने का ही ख्वाब देख रहे थे। लेकिन उन्हें इस बात पर पूरा भरोसा है कि वो आनेवाले समय में सरकारी क्षेत्र में बड़े अधिकारी जरूर बनेंगे।

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किसी को नहीं हो रहा यकीन

हालांकि, ये बात जिस तरह आपके गले नहीं उतर रही है, उसी तरह धनबाद रेलवे स्टेशन पर काम कर रहे सीनियर अधिकारियों को भी श्रवण का ये नौकरी करना हजम नहीं हुआ। कई अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कभी भी ऐसा नहीं सोचा था कि इस तरह के संस्थान से डिग्री हासिल किया हुआ व्यक्ति ‘D’ ग्रुप में नौकरी करेगा।

यही नहीं, श्रवण के कई IITian दोस्त प्राइवेट संस्थानों में नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने श्रवण को ये नौकरी छोड़ने के लिए समझाने की काफी कोशिश रही, लेकिन वे विफल रहे।

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