हम जानते हैं कि हर साल दुनिया में खून के अभाव में कई लोगों की मौत हो जाती है। इंसान की इस समस्या को देखते हुए साल 1997 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वैच्छिक रक्तदान नीति की नींव डाली।
इसके साथ ही दुनिया के समस्त देशों में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के संकल्प को दोहराया। इसके बाद साल 2004 से 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को रक्तदान की मुहिम में शामिल करना था।
आपको बता दें कि विख्यात ऑस्ट्रियाई जीवविज्ञानी और भौतिकीविद कार्ल लेण्डस्टाइनर का जन्म 14 जून को ही हुआ था। आज विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर हम आपको इससे जुड़ी कुछ बेहद अनोखी बातें बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपने शायद पहले न सुना होगा।