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सोनाली बेंद्रे की बीमारी को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रहा है ये झूठ, आपके पास भी आया है ये मैसेज तो तुरंत करें डिलीट

locationनई दिल्लीPublished: Jul 17, 2018 03:01:53 pm

Submitted by:

Priya Singh

पिछले कुछ साल में फेक न्यूज को लेकर दुनियाभर में बवाल मचा है। ऐसा नहीं है कि फेक न्यूज जैसा शब्द सिर्फ पश्चिमी जगत के मीडिया में ही हो।

Sonali Bendre has uterine cancer stop believing this Whatsapp message

सोनाली बेंद्रे की बीमारी को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रहा है ये झूठ, आपके पास भी आया है ये मैसेज को तुरंत करें डिलीट

नई दिल्ली। कभी आपने सोचा है क्या कि आपका एक व्हाट्सएप फॉरवर्ड कसी के लिए खतरा बन सकता है। अगर आप भी उनमें से हैं जो बिना सोचे समझे व्हाट्सएप पर आए किसी भी मैसेज को फॉरवर्ड कर देते हैं तो सावधान हो जाएं। बिना जांच पड़ताल किए ऐसा ना करने की हिदायत आए दिन जारी की जाती है। पिछले कुछ साल में फेक न्यूज को लेकर दुनियाभर में बवाल मचा है। ऐसा नहीं है कि फेक न्यूज जैसा शब्द सिर्फ पश्चिमी जगत के मीडिया में ही हो। भारत में भी इसका इस्तेमाल खूब धड़ल्ले से होता है। दरअसल फेक न्यूज एक बड़ी समस्या है। ऐसी झूठी खबरों पर रोक लगाने की पहल दुनियाभर में चल रही है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। अब उदाहरण ले लीजिए कुछ दिनों पहले सोनाली बेंद्रे ने ये खुलासा किया कि उन्हें कैंसर हो गया है। उनका इलाज न्यूयॉर्क में चल रहा है। सोनाली की बीमारी के बारे में जैसे ही सबको पता चला सभी चौंक गए। इसके बाद तबसे सब उनकी अच्छी सेहत की कामना कर रहे हैं।

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सोनाली ने अभी तक केवल यह खुलासा किया है कि वह हाई ग्रेडेड कैंसर से पीड़ित हैं, जबकि उन्होंने अभी तक अपने कैंसर का प्राथमिक नाम और उनके अंग के किस भाग में कैंसर हुआ है इसका खुलासा अभी तक नहीं किया है। लेकिन व्हाट्सएप द्वारा दावा किया गया कि अभिनेत्री गर्भाशय कैंसर से पीड़ित हैं, और वह असंतुलित हैं। दूसरा, इसमें स्तन कैंसर से बचने के लिए महिलाओं के लिए do’s और don’ts की सूची जारी की गई है जिनमें से अधिकांश बातें झूठी हैं।

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जानकारी के लिए बता दें कि, इस संदेश में टाटा कैंसर अस्पताल का हवाला दिया गया है, लेकिन वास्तव में टाटा मेमोरियल सेंटर इस बात को नकारते हुए इसे फेक न्यूज करार दे रहा है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि कुछ समय पहले, टाटा अस्पताल का नाम एक और व्हाट्सएप मैसेज पर देखा गया था, जिसमें दावा किया गया था कि सैनिटरी नैपकिन पहनने के कारण अस्पताल में कई महिलाओं के मारे जाने की खबर थी। व्हाट्सएप पर फैलाए गए ये दोनों संदेश गलत हैं, कोई अस्पताल इस तरह के गलत दावों का जिम्मा नहीं लेता है और आपको भी इस तरह के मैसेज से बचना चाहिए। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, संदेश में उल्लिखित अधिकांश स्वास्थ्य संकेतकों में चिकित्सा रिसर्च की कमी है। डॉक्टरों की मानें तो, अपने शरीर की नर्सिंग और नियमित रूप से अपनी ब्रा धोना अनिवार्य है जो हर महिला द्वारा किया जाना चाहिए, लेकिन संदेश में दिए गए बाकी पॉइंटर्स अमान्य हैं।

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