दरअसल, अमिताभ बच्चन 1984 लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद संसदीय सीट से हेमवती नंदन बहुगुणा को हराकर पहली बार सांसद बने थे। लेकिन, साल 1987 में बोफोर्स घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। अमिताभ बच्चन के इस्तीफा देने के बाद जब अटल जी से पूछा कि क्या आप समझते हैं कि बोफोर्स कांड में उनका भी कोई हाथ है।
इसके जवाब में अटल जी ने कहा- इस घोटाले में उनके भाई का नाम भी है। ऐसे में उन्हें जवाब देना होगा कि उनके भाई अपना कारोबार छोड़कर अचानक स्विटजरलैंड क्यों चले गए। उनके बच्चे महंगे स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उनकी फीस कहां से दी जा रही है। लेकिन, अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया गया। शायद पीएम को बचाने के लिए उन्हें इस्तीफा देना पड़ा हो।
इस मुद्दे पर अटल जी ने एक इंटरव्यू में अमिताभ के मामले पर चुटकी ली थी। पत्रकार ने अटलजी से पूछा कि अमिताभ ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है, क्या आप समझते हैं कि बोफोर्स कांड में उनका भी कोई हाथ है। जवाब में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि अमिताभ ने प्रधानमंत्री राजीव गांधी को बचाने के लिए इस्तीफा दिया। उन्हें राजनीति में नहीं आना चाहिए था।
अटल ने इस इंटरव्यू में ये भी खुलासा किया था कि अगर उस चुनाव में वो दिल्ली से खड़े होते तो उनके खिलाफ अमिताभ बच्चन को कांग्रेस उतारती, लेकिन वो अभिनेताओं की प्रसिद्धि का मुकाबला नहीं कर पाते, इसलिए वह खुद न खड़े होकर रेखा को बिग बी के खिलाफ चुनाव में उतारते।