70 करोड़ रुपये को मेहनत से बदला 75,000 करोड़ में कहा जाता है कि अंबानी जब गुजरात से मुंबई आए थे तो बहुत ही संघर्ष था। फिर ₹500 हाथ में थामे हुए आए थे। वही ₹500 से आज वह अपनी समझ से अरबपति बने। साल 1966 में अंबानी ने नरोदा में अपनी पहली टेक्सटाइल मिल की स्थापना की थी। इसी मिल ने अंबानी की किस्मत चमका दी। महज 1 साल और 2 महीनों में अंबानी में 10000 टन पॉलिस्टर यार्न स्थापित करने में विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इस यार्न के बाद अंबानी ने विमल नाम से अपना खुद ब्रांड लांच किया था। 1976 में धीरूभाई अंबानी की जो कंपनी 70 करोड़ रुपये की थी, वो साल 2002 में 75,000 करोड़ की हो गई। रिलायंस ऐसा करने वाली पहली भारतीय डिजिटल कंपनी बनी।
1981 रिलायंस पेट्रोलियम रसायन की शुरुआत की केमिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त करने के बाद मुकेश अंबानी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए करना चाहते थे। लेकिन उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने उनकी पढ़ाई बीच में रोक दी और उनको अपने साथ काम करने के लिए बुलाया। इसके बाद साल 1981 में मुकेश ने अपने पिता के साथ मिलकर रिलायंस पेट्रोलियम रसायन की शुरुआत की। इसके बाद अंबानी अपनी सेक्सेस की सीढ़ियां चढ़ते गए और आज कई बड़े कारोबान संभाल रहे हैं। अंबानी अपनी तरक्की के पीछे एक ही शब्द कहते हैं हर व्यक्ति को सफलता और असफलता का सामना करना पड़ता है। इसलिए असफलता से डरना नहीं चाहिए।
कुल संपत्ति 3,80,700 करोड़ रुपये अंबानी की कुल निवल संपत्ति 3,80,700 करोड़ रुपये आंकी गई है। आईआईएफएल वेल्थ हुरुन इंडिया की अमीरों की सूची के अनुसार लंदन स्थित एसपी हिंदुजा एवं उनका परिवार 1,86,500 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी लगातार आठवें साल सबसे अमीर भारतीयों की सूची में सबसे शीर्ष पर रहे हैं।