नीरव मोदी (Nirav Modi)प्रत्यर्पण मामला जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी की अदालत में चल रहा था जहां न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए नीरव मोदी के मानसिक स्वास्थ्य की बिनाह पर की गई प्रत्यर्पण रोकने की अपील को कोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने यह भी कहा कि नीरव का यदि भारत प्रत्यर्पण होता है तो उनके साथ किसी रह का अन्याय नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि मुंबई के ऑर्थर रोड जेल का बैरक 12 नीरव मोदी के उनके अनुकूल तैयार किया गया है।
नीरव मोदी ने तो अपने वकील के माध्यम से यहां तक आरोप लगाया कि भारत के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद केस को प्रभावित करने का प्रयास किया। पर अदालत ने नीरव की सभी दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए जो भी ज़रूरी साक्ष्य वह है इस लिए प्रत्यर्पण होना चाहिए।
आपको बतादें हीरा कारोबारी नीरव मोदी मौजूदा समय में लंदन की एक जेल में कैद है। अदालत के इस फैसले के बाद अब यह मामला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। वैसे जानकार मानते हैं कि अभी नीरव मोदी के सामने और भी विकल्प हैं, नीरव मोदी के पास हाई कोर्ट में अपील का भी अधिकर है।
दूसरी ओर यदि नीरव मोदी का भारत प्रत्यर्पण होता है तो यह मोदी सरकार की बड़ी जीत मानी जाएगी। क्योंकि विजय माल्या और नीरव मोदी के भारत से भागने के मामले में सरकार पर विपक्ष तीखे हमले किए हैं।