ये सबूत बताते हैं कि काल्पनिक नहीं है भगवान राम और उनकी अयोध्या आपको बता दें कि संध्या देश की पहली महिला कुली हैं। संध्या ने महिला कुली बनने का फैसला तब लिया जब उनके पति भोलाराम की लंबी बीमारी की वजह से 22 अक्टूबर साल 2016 को मौत हो गई थी। इसके बाद संध्या के सामने अपने तीन बच्चों को पालने की ज़िम्मेदारी आ गयी थी। लेकिन संध्या ने हिम्मत हारने की बजाय अपनी परेशानी को ही अपनी ताकत बना लिया और कुली बन गयीं।
सिक्योरिटी गार्ड्स भी नहीं बचा पाए प्रभास को, एयरपोर्ट पर फैन ने जड़ दिया थप्पड़ संध्या हर रोज़ 45 किलोमीटर का सफर तय कर जबलपुर रेलवे स्टेशन और फिर वहां से कटनी पहुंचती है। यहां काम करने के बाद संध्या जबलपुर और फिर घर लौटती हैं और अपने बच्चों के लिए खाना बनाती हैं। आपको बता दें कि संध्या उन महिलाओं के लिए एक उदाहरण हैं जो चुनौतियों के सामने घुटने तक देती हैं। संध्या आज महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने का पाठ सिखाती हैं जिससे उन्हें किसी के आगे हाथ ना फैलाने पड़े।